Conscious Complaining

Author
Karla McLaren
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Image of the Weekजागृत असंतुष्टतता व्यक्त करना द्वारा कार्ला मक्लारें

मैं नहीं चाहता कि शुरुआत एक मंद सुर से हो, परन्तु अपनी भावनाओं को दबाना आपकी मानसिकता को हिला सकता है , और आपके समग्र स्वास्थय पर भी असर डाल सकता है|जब भी आपकी भावनाएं थम जाती हैं एवं फोड़े में मवाद रुपी हो जाती हैं, आपका शरीर उसके जवाब में अपनी गति में कम लाता है थकावट एवं व्यथा के माध्यम से, और तब आप ज्यादातर अलग पड़ने लग जाते हैं या अन्य चीज़ों में ध्यान बांटने को दौड़ जाते हैं अथवा बुरी लतों की ओर दौड़ जाते हैं, ताकि उन भावनाओं से छुट्टी मिल सके |

अगर यह आपकी वर्तमान की परिस्थिति है , तो में आपको एक आसान रास्ता बताता हूँ अपनी जाम पड़ी हुई मानसिकता को फिर से सहजता से चलाने का | मैंने उसे नाम दिया है जागृत असंतुष्टता व्यक्त करना |

मैंने सबसे प्रथम असंतुष्टता व्यक्त करने की महत्ता को सीखा बारबरा शेर से , जो कि एक महान व्यवसाय सम्बंधित परामर्शदाता हैं| उनका सुझाव है असंतुष्टता को व्यक्त करने के लिए समय निकाला जाए, ताकि ‘ अन्दर की भड़ांस बाहर आ सके और साथ ही इसकी भी स्पष्ट जानकारी मिले कि ऐसा अन्दर क्या है जो आपको रोक रहा है|

बारबरा शेर लिखती हैं कि आप असंतुष्टता सुनने वाला कोई साथी खोज लें , पर मैंने उस बात को थोडा बदल दिया है क्योंकि मेरे हिसाब से बहुत ही कम व्यक्ति हैं, इस दुनिया में, जो मेरे द्वारा व्यक्त असंतुष्टता की अधिकता को झेल सकें| ज्यादातर लोग मुझे रोकते हैं, मुझे सही करने की कोशिश करते या मेरी मदद करते हैं दुनिया को ज्यादा प्रफुल्लित रूप में देखने में ( जो की एक अलग प्रकार का ही दमन है अगर में एक खराब मूड में हूँ तो ) | मैंने थोडा दूसरा रास्ता अपनाया है और अपनी असंतुष्टता व्यक्त करने के प्रयास को एक एकांत में किया प्रयास बना दिया है और मेरे लिए ये जीवन व्यापी रहा है |

अब जब भी मेरा विश्वास उठ जाता है या मैं नामुमकिन अवरोधों का सामना करता हूँ, तो मैं कराह सकता हूँ, विलाप कर सकता हूँ, स्वाभाव अंतर्गत शिकायत कर सकता हूँ, एवं अपने आपको उस सत्य से , जो में अनुभव कर रहा हूं , पुनर्जीवित कर सकता हूँ| और जब में वो कर चूका होता हूँ तो में अवसाद में नहीं होता, या क्रोधित नहीं होता, और में तत्काल ही काम पे वापस लग जाता हूँ, क्योंकि मुझे पता है क्या समस्याएं हैं और जीवन कैसा कठिन हो सकता है| और यह अभ्यास मुझे नीचे नहीं ले जाता : वस्तुतः ये मुझे ऊपर उठा देता है क्योंकि ये मेरी सारी शिकायतों को मेरे जेहन से बाहर कर देता है और मेरी सहजता को वापस ला देता है|

यहाँ मैं आपको जागृत असंतुष्टता पव्यक्त करने का तरीका बताता हूँ| आवश्यकता है सिर्फ आप के खराब मूड की एवं एकांत की | आप इस तरह की घोषणा से शुरू करें “ अब में अपनी असंतुष्टता को बयान कर रहा हूँ”| अगर आप घर के अन्दर हैं , तो आप असंतुष्टता बयान कर सकते हैं दीवारों से, फर्नीचर से, शीशे से, इत्यादि| और अगर आप घर के बाहर हैं तो आप शिकायत कर सकते हैं पौधों से, पेड़ों से, जानवरों से, आकाश से, जमीन से या अपने भगवान् से| अगर आप मेरी तरह मजबूत शिकायत करने वाले हैं , तो शायद आप एक असंतुष्टता प्रगट करने का स्थल बना लेंगे जहाँ आप भौंक रहे कुत्तों की तस्वीरें, भिनभिनाती बिल्लियों की तस्वीरें अथवा बिगड़े हुए बच्चों की तस्वीरें अथवा राजनैतिक कार्टून लगा सकते हैं अथवा वो लगा सभी चीज़ें लगा सकते हैं जो आपकी असंतुष्ट एवं शिकायतकर्ता रूप को लगता हो|

जब आपने अपनी सही असंतुष्टता व्यक्त करने वाली जगह खोज ली हो तो आप आपने आप को खुलने दीजिये और अपने निरुत्साहित , नाउम्मीद , व्यंगात्मक , शैतानी एवं बिगड़े स्वरुप को आवाज़ का मौका दीजिये | अपने व्यगात्मक हास्य को बाहर निकालिए और जम के कराहिये, अपनी निराशाओं वाली स्थिति के बारे में, नामुम्किनियत वाली स्थिति के बारे में, और अपनी विसंगतियों वाली स्थिति के बारे में| जितनी देर चाहें शिकायत करें ( आपको आश्चर्य होगा ये कितनी जल्दी काम करने लग जाती है) और जब आपके पास कहने के लिए बातें ख़त्म हो जाएँ , तो जिस चीज़ पर भी आप कराह रहे हों, जैसे फर्नीचर , दीवारें, जमीन , वृक्षों, आपका शिकायत घर या अपने भगवान: उन्हें सुनने के लिए धन्यवाद् दें| एवं अपने जागृत असंतुष्टि प्रगट करने के सत्र को को पूर्ण करें माथा टेक कर , आपने आपको छिटक कर और फिर कुछ अच्छा हंसी मजाक वाला कुछ करें | बस यही है

वो व्यक्ति जो इस अभ्यास की कोशिश करते हैं वो आश्चर्यचकित इस बात से रह जाते हैं कि ये प्रयास उन्हें और खिन्नता के गर्त में नहीं खींच लेता | बल्कि उसका असर इसके बिलकुल विपरीत होता है क्योंकि ये निष्क्रियता एवं दमन को तोड़ देता है और आपको “जो जैसा है “ कहने देता है , नगण्य प्रतिक्रिया के साथ | सकारत्मक अभिकथन (affirmation) की तरह भी नहीं जो आपको बताते हैं कि कैसा महसूस करना है , यहाँ पे आप वही महसूस कर रहे जो वास्तविक भावनाएं हैं| आपने सत्य बयान कर दिया, सारे रास्ते साफ़ हो गए और आपको भी एक महत्वपूर्ण समय विराम मिल गया | और चूँकि ये एकांत में की गयी प्रक्रिया है , इसमें किसी अन्य की भाव्नौं को ठेस पहुँचाने का खतरा भी नहीं है और खुद को नीचा देखने का खतरा भी नहीं है| इसके पश्चात आप पाएंगे कि आप अपनी समस्यायों को दोबारा रूबरू कर सकते हैं , एक पुनर्जीवित शक्ति एवं दृष्टि के साथ|

मनन के लिए बीज प्रश्न : जब आप अपने को बाहरी परिस्थितियों से आहत ,एक ख़राब मूड में पाते हैं , तब आप अपना आतंरिक मध्य कैसे प्राप्त करते हैं? आपके असंतुष्टता के क्षण में आपको किन प्रक्रियाओं से अपनी असहजता कम करने में मदद मिलती है? आपके अपने अनुभव में सकारात्मक अभिकथन ( affirmations) , जागृत असंतुष्टि व्यक्त करने से किस प्रकार से भिन्न हैं?
 

Excerpted from The Language of Emotions: What Your Feelings Are Trying to Tell You.


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