An Awe Walk

Author
Dacher Keltner
30 words, 13K views, 16 comments

Image of the Weekएक विस्मय भरी पैदल यात्रा द्वारा दचेर कंटनेर

आपको विस्मय (अचम्भे ) का एहसास किस बात से मिलता है? यह शब्द विस्मय – इसका अर्थ है किसी ऐसी वस्तु/विषय का सामना जो हमरी इस विश्व की समझ से ऊपर होता है, और ज्यादा बार यह किसी विशेष वस्तु/विषय से जुड़ा होता है| आप कल्पना कर सकते हैं अपने आपको एक 350 फुट के वृक्ष के समीप खड़े, अथवा एक विशाल खुले मैदान मैं जब कोई तूफ़ान आने वाला हो, अथवा एक स्थल को गिटार की मधुर तरंगो में भरते हुए, अथवा किसी नवजात शिशु की छोटी सी अंगुली पकड़ते हुए| विस्मय हमें उड़ा देता है : यह हमें याद दिलाता है की जीवन में कुछ हमसे भी बड़ी शक्तियां हैं, और साथ ही यह भी एहसास दिलाता है की जो हमारा का वर्त्तमान का ज्ञान है वोह जिस विस्मय का हम सामना करते हैं उसका मतलब निक|ल पाने में असमर्थ है |

पर ऐसा नहीं हैं की आपको विस्मय देखने के लिए कुछ बिलकुल ही विशेष देखने की आवश्यता है|पर जब मैंने और मेरे साथी ने कुछ अनुशंधन विद्यार्थियों को अपने विस्मय के अनुभवों को एक नित्य की डायरी में लिखने को कहा तो ,हमें आश्चर्य हुआ की उन्हें औसतन एक हफ्ते तो में दो बार विस्मय का अनुभव हुआ | और ये अनुभव उन्हें साधारण बातों से ही हुआ जैसे एक मित्र की दयालुता, एक पत्ते वाले पेड़ के धुप के साथ आंख मिचौनी का खेल, एक ऐसा गाना जो उन्हें अपने पहले प्यार की याद दिला गया|हमें नित्य दिन के विस्मय की आवश्यता है,यहाँ तक की जब साधारण जगहों में ही उसे खोज पाए हों |

एक सर्वेक्षण में पाया गया है की विस्मय मुग्धता का एक छोटा सा अंश भी हमारा तनाव कम कर सकता है , शरीर में कोई सूजन को कम कर सकता है , और हमारे ह्रदय की गति एवं व्यवस्था को सुधार सकता है| यह हमारा भाग्य है की हमें उसका इंतज़ार करने की आवश्यता नहीं है , जब तक की वो हमें अचानक न मिल जाये : हम उसे खोज भी सकते हैं| विस्मय हमारे चारों तरफ है | हमें बस यह देखना है की उसे कहाँ देखें|

विर्जिना स्तुर्म , सन फ्रांसिस्को की एक तंत्रिका वैज्ञानिक , के साथ मैंने ‘ विस्मय भरी पैदल यात्रा ‘ के असर का अध्य्यन किया | एक समूह ने आठ हफ्ते तक प्रति हफ्ते एक यात्रा की ; दुसरे समूह ने भी ही यात्रा की परन्तु कुछ निर्देशों के साथ, जैसे ,अपने बालवत विस्मय वाले भाव को देखो, ऐसी कल्पना कीजिये की आप सब कुछ पहली बार देख रहे हैं| प्रत्येक यात्रा के दौरान कुछ समय निकाल कर हर चीज़ की विशालता की ओर देखें , जैसे एक विशाल दर्शी चित्र देख रहे हों, अथवा एक फूल की हर पहलु को देखें| किसी नई जगह जाएँ अथवा कोशिश करें पुरानी जगह की ही कोई नई बातें देखने का| दोनों समूह में शामिल लोगों अपनी ख़ुशी, व्यग्रता एवं अवसाद के बारे में जानकारी दी और साथ ही यात्रा के दौरान अपनी तस्वीरें (selfie) भी लीं|

हमने पाया की विस्मय वाली यात्रा में शामिल लोगों को हर हफ्ते ज्यादा विस्मय होता गया |आपने सोचा होगा कि इनके विस्मय की अनुभूति की क्षमता कम होती चली जाएगी | ये law of hedonic adaptation के नाम से जानी जाती है और इसके मुताबिक कई खुशियाँ अथवा उपलब्धियां , जैसे नई नौकरी, बड़ा घर , पाने की ख़ुशी या उपलब्धि का रोमांच समय के साथ कम होता चला जाता है| पर विस्मय के साथ हम जितना उसका अभ्यास करते हैं, ऐसा लगता है, ये उतना ही मूल्यवान होता चला जाता है|

हमने इस बात का प्रमाण पाया कि हमारा स्वयं (self) वातावरण में शामिल हो जाता है|जब विस्मय वाला समूह चल रहा था तो इनकी तस्वीरों में स्वयं , वातावरण की तुलना में कम होता जा रहा था| तस्वीरों में समय के साथ विषय वस्तुएं धीरे धीरे कम होती चली गईं , और बाहर के वातावरण ज्यादा दिखने लगा जैसे संफ्रंसिस्को में एक सड़क का किनारा का पेड़ , पसिफ़िक सागर के पास में पड़े पत्थर | इस अध्ययन के दौरान जो विस्मय भरी यात्रा के समूह वाले थे उन्होंने लिखाया की उन्हें नित्य का तनाव कम महसूस हो रहा है, और उन्हें जन समबन्धि भावनायायें जैसे करुणा एवं मनोरंजन ज्यादा महसूस हो रहा है|

महामारी ( pandemic) के तीन वर्षों ने ने हमें छोटा एवं शक्तिहीन महसूस करा दिया है और शायद भव्यता की खोज एवं रहस्यमय चीज़ें उतनी अच्छी नहीं सूझ रही हों| पर कई दफे , उन चीज़ों के साथ संवाद एवं बर्ताव, जो शायद हमें अभिभूत करती हैं , उनके सही परिपेक्ष दिखाता है| एक तारों भरे आसमान की ओर घूरना, कलाकृति की और देखना जो हमें हिला देती हों, कई तरह के वाद्य यंत्रो की धुनों का सम्मिश्रण जहाँ एक साथ जा के मिल जाती हों एक रूह हिला देने वाली धुन में, इस तरह के अनुभव जो हमें याद दिलाते हैं कि हम एक ऐसी चीज़ का हिस्सा हैं जो हमारे बाद भी कई दिन तक रहेगी | और इस में हमारी बहुत ही भलाई है की हम विस्मय के प्रति खुल पायें , जहाँ भी मिल जाय , चाहे वो एक दो क्षण के लिए ही हो |

मनन के लिए मूल प्रश्न : इस धारणा से हम कैसा नाता रखते हैं कि विस्मय खोजने का अभ्यास , हमारे विस्मय मुग्ध होने की क्षमता को बढ़ता है ? क्या आप ऐसे समय की एक निजी कहानी साझा कर सकते हैं जब आपने एक साधारण सी आम चीज़ में विस्मय पाया हो? आपको विस्मय में रहने में किस चीज़ से मदद मिलती है ?
 

This article has been excerpted from Dacher Keltner’s new book, Awe: The New Science of Everyday Wonder and How It Can Transform Your Life


Add Your Reflection

16 Past Reflections