Beyond Content Of Thought

Author
Ram Dass
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Image of the Weekविचार के मूल तत्त्व की दूसरी ओर
- राम दास द्वारा (18 सितंबर, 2017)

अंधकार, उसकी परछाई, जो की मुझे लगता है कि वास्तव में अन्धकार और उसकी वास्तविकता को मजबूत करती है, उससे बाहर निकलने की जी-तोड़ कोशिश करने के बजाए, केवल अपना अभ्यास करते रहो। देखो, अगर कोई कहता है, "पता नहीं क्यों लेकिन मुझे ये भयानक विचार आ रहें हैं, क्या आप इन्हें समझने में मेरी मदद करेंगे?" तो मैं उनसे कहता कि पहले मैं उनके साथ बैठूंगा और उनकी सांस का अनुसरण करने में उनकी मदद करूंगा। सांस का खुद का कोई मूल नहीं होता। यह केवल सांस है। समस्या को मजबूत बनाने (जिसकी शक्ति स्वयं ही बढ़ती जाती है, जब आप सबसे पहले उस पर ही काम करने लगते हैं) से बेहतर है कि आप अपनी साँसों के केन्द्रीकरण करने और स्थिर करने की प्रक्रिया को मजबूत करें , उनकी उपस्थिति को मजबूत करें । यह एक बहुत नाजुक स्थिति है। मैं उस समय को कम करना नहीं चाहता जो विचारों के मूल पर काम करने के लिए वास्तव में उपयुक्त है, लेकिन अधिकांश भाग के लिए, विचारों के मूल पर ध्यान केंद्रित करना, मेरे लिए, आखिरी रणनीति है।

विचार के मूल तत्व के बजाय विचार की यांत्रिकी पर ध्यान केंद्रित करना एक बेहतर रणनीति है, क्या आप इस भेद को सुन/समझ पा रहे हैं?

अब मैं एक चिकित्सक के पास जा सकता हूं, और वे कह सकते हैं "चलो आपके बचपन के बारे में बात करते हैं और देखते/समझते हैं कि यह सब कहाँ से आया ..." यह विचारों के मूल तत्व से निपटना है। या, इसके बजाय, मैं जवाब तलाशने के लिए मूल तत्व पर ध्यान केंद्रित ना करते हुए उन्हें सिर्फ विचारों के रूप में देखना चुन सकता हूँ । वे केवल विचार हैं! उन्हें विचारों की श्रेणी में रखिए, न कि वे किस बारे में हैं, वे सिर्फ विचार हैं। और ध्यान करते समय, विचार की पहचान या उसकी पकड़ से जागरूकता को मुक्त करना, यही मेरा प्रमुख खेल है। ऐसा करने के लिए आप अपने ध्यान अभ्यास में जाते हैं, जो कुछ मामलों में एक विचार ले सकता है, जैसे कि साँस का पालन करना।

उसके बाद क्या होगा, "लेकिन मैं इस रिश्ते के बारे में क्या करूँगा?" एक ख्याल आता है, और मैं शिक्षक को कहते सुनता हूं, "अपनी सांस पर लौटें।" साँस लेने में, श्वास बाहर निकालने पर वापस जाओ, फिर एक और विचार आता है और कहता है, "भगवान, मेरी जिंदगी अव्यवस्थित है!" अब उस समय, आप ध्यान छोड़ कर एक चिकित्सक को बुलाकर, ये कह सकते हैं, "आइए, मेरा जीवन क्यों अव्य्वस्थित है, इससे निपटते हैं," या आप कह सकते हैं, "ठीक है, 'सांस लेने और छोड़ने पर' वापस जाओ। यकीनन तुम्हारा जीवन अव्यवस्थित है। वापस सांस वापस जाओ।"

यह सिर्फ बढ़ती है-गिरती है, बढ़ती है-गिरती है, दूसरे शब्दों में, अब आप किसी भी विचार (स्पष्ट या अस्पष्ट) से अपने अस्तित्व को मुक्त करने के‌ लिए‌ ध्यानित अभ्यास का उपयोग कर सकते हैं। कुछ विचारों से आप इस तरह से छुटकारा नहीं पाएंगे, क्योंकि वे एक घोंसले या मकड़ी के जाले की तरह होते हैं। फिर, आप मूल तत्व के संदर्भ में उनसे संपर्क करेंगे, लेकिन मेरी रणनीति पहले यांत्रिकी के लिए जाना है, और फिर बाद में मूलतत्त्व के लिए जाना है, जब वह चुनाई/कटाई के लिए, वास्तव में परिपक्व हो।

प्रतिबिंब के लिए बीज प्रश्न: आप विचारों की यांत्रिकी और उनके मूल तत्त्व के अंतर से किस प्रकार से सम्बंधित हैं? क्या आप अपने जीवन से कोई ऐसी कहानी बाँट सकते हैं जब किसी विचार के मूल तत्त्व के बजाय विचार की यांत्रिकी पर ध्यान केंद्रित करना, आपकी प्रगति में सहायक सिद्ध हुआ हो? विचार का मूल चुनाई के लिए परिपक्व है या नहीं, ये जांचने के लिए एक अच्छा परिक्षण क्या होगा?

'एक्सप्लोरिंग द मैकेनिक्स ऑफ़ थौघ्त' से कुछ अंश
 

Excerpted from Exploring the Mechanics of Thought.


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