One Has No Self To Love

Author
Alan Watts
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Image of the Weekप्रेम के लिए कोई निजी व्यक्तित्व नहीं
- एलन वाट्स द्वारा​

प्यार जो कि रचनात्मक क्रिया द्वारा खुद को अभिव्यक्त करता है, वह भावनाओं से कहीं अधिक है। यह ऐसा कुछ नहीं है जिसे आप "महसूस" और "जान", याद और परिभाषित कर सकते हैं। प्रेम एक संगठनात्मक और एकीकृत सिद्धांत है जो विश्व को एक ब्रह्मांड और विघटित जन को एक समुदाय बनाता है। यह मन का सार और चरित्र है, और जब मन पूर्ण होता है, तो यह कार्य में प्रकट होता है। जिस प्रकार एक शीशा हमेशा किसी का प्रतिबिम्ब दिखाता रहता है, उसी प्रकार मन को भी किसी चीज़ में रूचि अथवा अवशोषित रहना जरुरी है। 'प्यार कैसे करें' जैसी कोई समस्या नहीं होती। हम प्यार करते हैं। हम प्यार हैं, और प्यार की दिशा ही एक मात्र समस्या है, कि क्या यह प्यार सीधा जायेगा जैसे कि सूरज की किरणें, या फिर यह अपनी तरफ ही वापस आएगा, जिसे छुपाना पड़े।

जहाँ रचनात्मक कार्रवाई होनी चहिये, यह चर्चा करने के लिए काफी महत्त्वपूर्ण हो गया है कि सही या अच्छे होने के लिए हमें क्या करना चाहिए या फिर क्या नहीं करना चहिये। वह मन जो एकल और ईमानदार है, वह जीवित रहने के लिए, एक नियम अनुसार, अच्छे होने या अन्य लोगों से सम्बन्धों के संचालन में रूचि नहीं रखता। ना ही वह अपनी स्वतंत्रता साबित करने के लिए बेवजह अभिनय करने में कोई दिलचस्पी लेता है। इसकी दिलचस्पी खुद में नहीं है, बल्कि लोगों में है और उन समस्याओं में है जिनसे यह अवगत है; यह 'स्वयं' है। यह नियमों के अनुसार नहीं, बल्कि पल की परिस्थितियों के अनुसार काम करता है, और जो 'अच्छा' यह दूसरों के लिए चाहता है, वह बंधन नहीं बल्कि स्वतंत्रता है।

वास्तव में नैतिकता के आधार पर बनाये हुए मानव रिश्तों की तुलना में कुछ भी अमानवीय नहीं है। जब कोई व्यक्ति दयावान बनने के लिये रोटी दान करता है, विश्वसनीय बनने के लिए एक स्त्री के साथ रहता है, खुद को पक्षपात रहित दिखाने के लिए किसी अन्य जाति के व्यक्ति के साथ खाता है, और शांतिप्रिय होने के लिए हत्या करने से इंकार करता है, तो वह उतना ही निरुत्साह है जितना की एक 'क्लाम' (clam)। तरस से जन्मी भलाई घमंड से केवल थोड़ी कम है जो दुखों को दूर करने का काम करता है क्यूंकि उसे दुःख के नज़ारे से घृणा है।

लेकिन प्यार का सच्चा सौहार्द उत्पन्न करने का कोई सूत्र नहीं है। इसकी नक़ल नहीं की जा सकती। आप अपनी भावनाओं पर दबाव डाल कर, या स्वयं को मानव जाति की सेवा में समर्पित करके इसे जाग्रत नहीं कर सकते। सबके पास प्यार है, लेकिन यह तभी बाहर आ सकता है जब लोग असंभावना से और खुद से प्यार की कोशिश की हताशा से आस्वस्त हों। निंदा के माधयम से, अपने आप से नफरत के माधयम से, आत्म-प्रेम को ब्रह्माण्ड के सभी बुरे नामो से बुलाने से यह दृढ़ विश्वास नहीं आएगा। यह केवल इस जागरूकता से आता है कि प्यार करने के लिए कोई निजी व्यक्तित्व नहीं होता।

प्रतिबिम्ब के लिए बीज प्रश्न : आप इस धारणा कि 'वास्तव में नैतिकता के आधार पर बनाये गए रिश्तों की तुलना में कुछ अमानवीय नहीं है?' से कैसे सम्बंधित हैं? क्या आप अपने जीवन की कोई ऐसी कहानी साझा कर सकते हैं जब आपने सच्चा प्रेम महसूस किया हो? आप इस धारणा कि किसी के पास प्यार करने के लिए कोई निजी व्यक्तित्व नहीं होता और अन्य शिक्षाएं जो आपको आत्म-प्रेम का अभ्यास करने को कहती हैं, से कैसे सामंजस्य करते हैं?

एलन वाट्स द्वारा "विसडम ऑफ़ इन्सेक्युरिटी" से
 

From "Wisdom of Insecurity" by Alan Watts.


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