मानसिक शक्ति की प्राप्ति
-स्वामी शिवानन्द (15 अक्तूबर, 2012)
अनियंत्रित विचार हर बुराई की जड़ हैं। कोई भी विचार अपने आप मे बहुत सशक्त नहीं होता, क्योंकि हमारा मन आमतौर पर अनगिनत और विविध विचारों से विचलित रहता है।
हम जितना अपने विचारों को नियंत्रित करने का प्रयत्न करते हैं उतना ही हमारा मन उन पर केन्द्रित होता है और परिणामस्वरूप उतना ही उन विचारों की शक्ति और बल बढ़ता जाता है ।
निकृष्ट और घटिया विचारों को अपने मन से निकाल पाना बहुत ही धैर्य का काम है; लेकिन उत्तम विचारों को ग्रहण करना, बुरे विचारों को नष्ट करने का सबसे अच्छा तरीका है । चिंतन के नियमों से अज्ञात, सांसारिक लोग तरह-तरह के सोच-विचार का शिकार बन जाते हैं, जैसे घृणा, क्रोध, लोभ, और बदले का भाव जिससे उनके इरादे कमज़ोर होने लगते हैं, अच्छे-बुरे का भेद करने की उनकी क्षमता कम होने लगती है और वे मन की प्रतिकूल होती जा रही जटिल हरकतों के गुलाम बनने लगते हैं ।
अपने मन पर काबू करने का सबसे अच्छा तरीका यही है की हम उसमें उत्कृष्ट, श्रेष्ठ और ऊँचे विचारों को जगह दें और उनके माध्यम से हम इधर-उधर के अलग-अलग, मन को विचलित करने वाले सांसारिक और तुच्छ विचारों पर काबू कर पाएं ।
जब हर तरह के बुरे विचार हमारे मन को त्रस्त कर रहे हों तो उनकी उपेक्षा करना ही उन पर जीत पाने का सबसे अच्छा तरीका है । हम बुरे विचारों को नज़रंदाज़ कैसे कर सकते हैं? उनको भुला कर । हम उन्हें भुला कैसे सकते हैं? उनको मन से निकाल कर और उन पर ज्यादा सोच-विचार न कर के ।
ऐसे विचारों को हम अपने मन से कैसे निकाल सकते हैं या हम उनके बारे में सोचना कैसे छोड़ सकते हैं? किसी दिलचस्प और उच्चतर चीज़ के बारे में सोचकर, या कोई ऐसी चीज़ के बारे में सोचकर जो हमें प्रेरणा दे । बस तुच्छ विचारों को अनदेखा कर दो, भूल जाओ और किसी प्रेरणाप्रद चीज़ के बारे में सोचो । कुविचारों पर प्रभुत्व पाने की महान साधना इन्ही तीन चीज़ों से बनी है ।
-स्वामी शिवानन्द ( थौट पावर - विचार शक्ति)
SEED QUESTIONS FOR REFLECTION: What has been an effective method of conquering evil thoughts for you? The author emphasizes patient work - what is your reflection on the need for patience in the quest to gain mastery of our minds? Can you share a personal story that illustrates an experience of focusing on the good while refusing to give attention to evil thoughts?
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