The Order on the Other Side of Chaos

Author
Margaret Wheatley
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Image of the Weekअराजकता के दूसरे पक्ष पर क्रम (मार्गरेट व्हीटलेय द्वारा)

किसी संस्था में जो लोग भ्रमित होते है, जिन्हे पता नहीं क्या करना है, और जो ना समझ आनी वाली जानकारियों से अभिभूत रहते है, मैं उनके लिए अराजकता शब्द का इस्तेमाल करता हूँ। अगर हम अराजकता को एक संभावित उत्पादक बल की तरह पहचाने तो सबसे पहले हम, जब अराजकता उठती है तो हम उसे बंद करने की कोशिश नहीं करेंगे, ना ही हमारे पहले के आराम के स्तर पर जाने की कोशिश करेंगे। उन छणो में लोगों को यह बिलकुल नहीं चाहिए की कोई और आकर उसका मतलब उन्हें समझा दे। और उन्हें ना ही दूसरी सामान्य रणनीति, सारी जानकारियों से पीछे हटकर एक एक करके उन्हें सँभालने की ज़रुरत है। बल्कि ज़रुरत ऐसे प्रक्रियाओं की है जिससे वे उस जानकारी से हो रही परेशानी के साथ काफी समय तक वक़्त बिता सके। इतना समय की उन्हें यह स्पष्ट हो जाए की वे नहीं जानते की क्या काम करता है, इतना समय की उन्हें यह स्पष्ट हो जाए कि उनका मॉडल , उनका काम करने के तरीके अब काम नहीं कर रहे है।

मैं इसे अराजकता कहता हूँ, जब लोग इतनी गहरी भ्रम में पड़ जाएं कि वे अपनी समस्या का समाधान करने की सारी धारणाएं का त्याग कर दें। जब लोग ना जानने वाली स्थिति में पहुँचते है, और उस जगह काफी देर तक रहते है, तो होता यह है की " आत्म संगठन" की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

सभी प्राणियों में यह क्षमता होती है की बदलाव का सामने करने पर, वे बिखर जाते है और वर्त्तमान के अनुसार अपने आप को संभाल लेते है। हम हमेशा जानते थे की चीज़ें फ़ैल जाती है, किन्तु हम यह नहीं जानते थे की प्राणियों में पुनर्निर्माण की क्षमता होती है।

हमें यह बात 1970 में ईलया परिगोगिने के नोबेल पुरस्कार जितने वाले कार्य तक पता नहीं थी। लेकिन हम जब तक उस भ्रम और न जानने वाली स्थिति जिसे मैं अराजकता कहता हूँ, तक न पहुंचे तब तक हम अपने आप को बदल नहीं सकते है , हम तब तक इतने जवाब खोजने लायक तेज़ नहीं हो पाएंगे।

मेरे काम में मैं लोगों को ज़रूरी और प्रासंगिक जानकारी दे कर अभिभूत कर कर जान बुझ कर अराजकता पैदा करता हूँ। हम लोगों को ऐसी ऐसी जानकारी पैदा करने में मदद करते है जो उन्हें अभिभूत कर दे। उस जानकारी को महत्वपूर्ण और प्रासंगिक होना पड़ता है। उसे बड़े सवाल पूछने पड़ते है । लोग इससे डर जाते है , निराश हो जाते है और वो इस समस्या से बाहर निकलना चाहते है। लेकिन हम उन्हें निकलने नहीं देते। हम और अधिक जानकारी पैदा करते रहते है और अंत में वे समर्पण कर देते हैं।

और एक बार वो समर्पण कर देते है, तो उनमे ऐसे समाधान जो सभी जानकारियों को इकठा कर सके, ऐसी क्षमता आ जाती है। अराजकता के दूसरी ओर, हमें एक दूसरी तरह का क्रम मिलता है , ऐसा क्रम जो अनुकूल हो जाता है , जो बदलता है , और वह सब चीज़ें जो हम एक संस्था से चाहते है।

सोच/विचार के लिए बीज सवाल:
अराजकता एक संभावित उत्पादक बल है, इससे आप क्या समझते है ?
क्या आप एक ऐसा समय का उदाहरण दे सकते है जब आपने अराजकता के दुसरे ओर क्रम पाया ?
आपको अराजकता के दुसरे ओर क्रम देखने का धैर्य कैसे प्राप्त हुआ ?
 

Margaret Wheatley is an author of six books and a management consultant who studies organizational behavior. Her approach includes systems thinking, theories of change, chaos theory, leadership and the learning organization: particularly its capacity to self-organize.  Excerpt above is from a conversation with Joe Flower.


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