Pablo Neruda's Greatest Lesson from Childhood

Author
Lewis Hyde
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Image of the Weekपाब्लो नेरूदा के बचपन की सबसे बड़ी सीख
- लुइस हाइड

अपने घर के पीछे खाली पड़े लौट में एक दिन खेलते समय, जब वे अभी छोटे से बच्चे ही थे, नरूदा ने चार दीवारी में एक छेद देखा। "मैंने उस छेद में से झाँक कर देखा और पाया कि दीवार के उस ओर का मैदान भी हमारे घर के पिछवाड़े जैसा ही था, उपेक्षित और उजाड़। मेरे कदम कुछ पीछे हटे, क्योंकि मुझे ऐसा आभास हुआ कि जैसे कुछ होने वाला है। अचानक एक हाथ प्रगट हुआ - करीब मेरी ही उम्र के लड़के का नन्हा सा हाथ। जब तक मैं फिर पास आया, वह हाथ गायब हो चुका था और उसकी जगह पर वहाँ एक खिलौना था - एक शानदार सफ़ेद भेड़।

"भेड़ की खाल की ऊन पुरानी थी। उसके पहिये गायब थे। इन सब चीज़ों कि वजह से वह खिलौना और भी ख़ास लग रहा था। मैंने ऐसी अनोखी भेड़ कभी नहीं देखी थी। मैंने छेद में से फिर झाँक कर देखा, पर वह लड़का गायब हो चुका था। मैं अपने घर गया और वापिस देने के लिए अपना तोहफा ले कर आया: एक पूरा खिला हुआ पाइन कोन (देवदार के पेड़ का फल), महक और राल से भरा हुआ, जो मुझे बहुत पसंद था, उसे मैंने भेड़ की जगह पर रख दिया और भेड़ को लेकर चल दिया।"

"उसके बाद मैंने न कभी उस हाथ को दोबारा देखा, न ही उस लड़के को। और न ही मैंने वैसी भेड़ ही कभी फिर से देखी। वह खिलौना आखिर मैंने एक आग के दौरान खो दिया। पर अब भी…जब कभी मैं किसी खिलौने की दुकान के सामने से गुज़रता हूँ, मैं बहुत ध्यान से खिड़की से देखता हूँ। पर उसका कोई फायदा नहीं है। आजकल वैसी भेड़ें बनती ही नहीं।

नरूदा ने इस घटना के बारे में काफी कुछ कहा है। "यह उपहारों का लेनदेन - रहस्यमयी - मेरे मन की गहराइयों में तलछटी तहों की तरह समा गया है," उन्होंने एक बार किसी इंटरव्यू में कहा था। और वे यह मानते हैं कि उनकी कविताओं का उस अदला-बदली से सम्बन्ध है। "में एक क़िस्मत वाला इंसान हूँ। ज़िंदगी में भाईचारे की नज़दीकी को महसूस कर पाना एक अद्भुत चीज़ है। जिन्हें हम प्यार करते हैं, उनके प्यार को महसूस कर पाना एक ऐसी आग है जो हमारे जीवन का पोषण करती है। लेकिन ऐसे प्यार का अनुभव कर पाना, जो उन लोगों से आता है जिन्हें हम जानते भी नहीं, उन अनजाने लोगों से हम तक, जो सुप्त अवस्था और अकेलेपन में, खतरों और हमारी कमज़ोरियों में भी हमारा ध्यान रखता है - वह कुछ ऐसा है जो और भी महान है और ज़यादा खूबसूरत है क्योंकि वह हमारे अस्तित्व की सीमाओं को और चौड़ा बना देता है, और सब जीवों को जोड़ देता है।

"उस लेन - देन ने पहली बार मेरे मन में इस अनमोल विचार को जन्म दिया: कि सारी मानवजाति किसी तरह से जुडी है। फ़िर आपको इस बात पर हैरानी नहीं होगी कि मैंने इस मानवीय भाईचारे के बदले में कुछ चिपचिपा, धरती जैसा, और महकदार देने का प्रयत्न किया है…

"मैंने अपने बचपन में एक तनहा घर के पिछवाड़े में एक महान सबक सीखा। शायद यह सिर्फ एक खेल से ज़यादा कुछ नहीं था जो दो अनजान बच्चे आपस में खेल रहे थे और जो एक-दूसरे को ज़िंदगी की कुछ अच्छी चीज़ देना चाहते थे। फिर भी शायद यह नन्हा सा और रहस्यमयी तोहफों का लेन - देन मेरे अंदर घर कर गया, गहरा और अटूट, मेरी कविताओं को रोशनी देता हुआ।"

लुइस हाइड, "तोहफा" से

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: आप अपने अस्तित्व की सीमाओं को चौड़ा करने से क्या समझते हैं? क्या आप कोई निजी अनुभव सबसे बांटना चाहेंगे जहां आपने अपने जीवन में हर जीवित चीज़ के बीच एकत्व पाया हो। आपकी कविता को क्या रोशनी देता है?


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