To Separate and Unify

Author
Mark Nepo
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Image of the Weekअलग करना या जोड़ना

इस संसार का विनाश या कल्याण इस बात पर निर्भर करता है कि यह विचार किस तरह उभर कर आता है. फर्क सिर्फ इतना है कि हम चीज़ों को अलग-अलग कर रहें हैं या उन्हें जोड़ रहें हैं. एक तीर्थयात्री का चीज़ों को उधेरना और दूसरे का उन्हें जोड़ना, असल में, मानव इतिहास ऐसे ही उभरा है.

उदाहरण के लिए, दो अलग खोजकर्ताओं के बारे में सोचें जिन दोनों ने इस दुनिया को जैसे हम आज जानते हैं, उस विचार को आकर दिया: क्रिस्टफर कोलंबस और कार्ल जंग. जबकि कोलम्बस ने चीज़ों को तहस-नहस करने और जो कुछ समपत्ति मिल सके उसे हड़पने के विचार से समुद्र को पार किया, लेकिन जंग ने अपने आंतरिक समुद्र को इस भावना से पार किया कि वह उन सब चीज़ों को जोड़ सके जिन्हें वो ढूँढ़ पाया ताकि वह उन सब चीज़ों को जो उसके पास पहले से ही थीं, उन्हें और मूल्यवान बना सके.

यह प्रश्न उठता है कि ऐसा क्या था कि उनमें से एक खोजकर्ता ने एक ऐसे महाद्वीप पर पाँव रखा जिसे उसने पहले कभी नहीं देखा था, और उसने घोषित किया, "यह मेरा है!", और दूसरे ने सर झुका दिया और नम्रता से कहा, "मैं इसका हिस्सा हूँ."

शायद फर्क यह है कि जब कोलम्बस उस नयी ज़मीन पर पहुंचा, वह बाहरी तौर पर एक पूर्व निर्धारित जीत की भावना से खोज कर रहा था, और जब कार्ल जंग अपने अंदर उस अनजान जगह पर पहुंचा, वह अनिर्धारित प्रेमभाव से आंतरिक तौर पर खोज कर रहा था. इतना स्पष्ट है कि दोनों ही अपनी-अपनी खोज में एकाग्रता से जुटे थे, लेकिन जहां कोलम्बस तोड़ने और अपना बनाने पर जुटा था, जंग जोड़ने और समा जाने में जुटा था.

हमें सावधान रहना चाहिए, क्योंकि हम अलग करने और अपना बनाने की, और जोड़ने और समा जाने की दोनों ही उत्तेजनाओं के भाव में बहते रहते हैं. जैसे हमारी आँखें बार-बार बंद होती और खुलती रहती हैं, हम निर्माणकर्ता की तरह बार-बार चीजों को तोड़ते और जोड़ते रहते हैं. फिर भी जैसे हमारा जागे रहना आँखों के खुले रहने पर निर्भर करता है, वैसे ही हमारा कल्याण भी ज्यादातर चीजों को जोड़े रखने पर निर्भर करता है.

प्यार में, दोस्ती में, सीखने और बढ़ने में, अपने आप को समझ पाने की कोशिश में, कितनी बार इससे पहले कि कोई चीज़ हमें स्वतन्त्र होने का मौका दे, हम उस चीज़ के पर ही कट डालते हैं?

-मार्क नीपो


विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: हम कैसे अपनी तोड़ने और अपना बना लेने की प्रवृत्ति की ओर ध्यान देते हुए, अपने में जोड़ने और समा जाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दें? क्या आप अपना कोई निजी अनुभव सबसे बांटना चाहेंगे जहां आपने इन दोनों विपरीत चीज़ों के बीच खिचाव महसूस किया हो? हम उन चीज़ों के पंखों को कैसे जोड़े रखें जो हमें आज़ाद कर सकती हैं?


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