अपनी नज़रों को दयालुता के क्षितिज पर रखें द्वरा जॉय हरजो
अपनी यात्राओं को अलग अलग गतियों में बदलें| बिजली नुमा गति और हम अपने अनुभूति की दुनोया को रातों रत बदल सकते हैं| हम अचानक सब कुछ हार सकते हैं अथवा वो जीत सकते हैं जिसकी हम उम्मीद करते थे या सपने देखते थे| कई बदलाव दिखने मैं सैकड़ों वर्ष लगा देते हैं| प्लास्टिक कचरे के टापू नुमा पहाड़ समुन्द्र मैं तैरते हैं जहाँ प्लास्टिक कचरा सदियों से डलता रहा है| हम अधिक शक्तिशाली तूफानों को अनुभव करेंगे , एवं अधिक फैले हुए भूकम्पों को अनुभव करेंगे , वर्षों से जुड़ते आये अनादर पूर्ण छोटे एवं बड़े व्यवहारों को झेलते हुए| मृत्यु एक स्वाभाविक बदलाव है , और जन्म भी| सबसे ज्ञानी शिक्षक हमें याद दिलाते हैं कि किसी भी बदलाव को आंकते समय उसमें बहुत ज्यादा नहीं जुड़ जाएँ |
चाहे कैसी भी स्थिति हो, हम अपने हृदय को खुला रखते हैं, और ईमानदारी के साथ कार्य करते हैं, भले ही हम सबसे अधिक उथल-पुथल वाले बदलावों के बीच हों, जैसे कि अभी इस देश में और इस प्यारे ग्रह पृथ्वी पर हो रहा है, जो कि स्वयं हम हैं। कुछ यात्राएँ मधुर और रोमांचकारी होती हैं। कुछ कठिन होती हैं और हमें धैर्य बनाए रखने की चुनौती देती हैं। इस समय हम परिवर्तन की विपरीत लहरों के बीच हैं, जिसे हम बचपन मैं अपने वाशिंग मशीन नुमा महासागर में अपनी नाव चलते समय संज्ञा देते थे| । इससे बाहर निकलने के लिए, हमें अपनी दृष्टि क्षितिज पर एक निश्चित स्थान पर केंद्रित करनी होती है और आगे बढ़ते रहना होता है। महासागर हमें सिखाता है कि परिस्थितियाँ हमेशा बदलती रहती हैं।
हम अपने परिवार में एक जन्म का जश्न मना रहे हैं, एक सुंदर नवजात शिशु का। इस दुनिया में आने के लिए हिम्मत की जरूरत होती है, और उसने एक लंबी यात्रा की और एक महीने पहले ही आ गया। लेकिन वह यहाँ है और हम उसका स्वागत करते हैं। वह अपने माता-पिता, उनके माता-पिता और यहाँ तक कि पृथ्वी के सपनों का सीधा परिणाम है।
हमें याद रखना है , उन्हें आशीर्वाद देने को , जो हमारी इस यात्रा में हमारे साथ चलते हैं | हम सबमे एक नया जन्मा हुआ यात्री है और हम अभी भी वो शब्द उठाये हुए हैं जिन्होंने हमें जन्म दिया| हम सब अध्यात्मिक सन्दर्भ में कुछ लाये हुए हैं , यहाँ पर वापस देने के लिए| हम सब एक खुलती हुई कहानी हैं| नवजात शिशु एवं उसके माता पिता को दया पूर्ण शब्द कहें| उन्हें इन दया पूर्ण शब्दों के पोषण की आवश्यकता है क्योंकि दया के शब्द उन की राह को आसान बना देंगे | उनकी मदद के लिए जो भी कर सकते हैं करें| एक नवजात शिशु कोमल होता है और वो सभी चीज़ों को हम ज्यादा उम्र वाले, संरक्षित , इंसानों से बहुत ही ज्यादा तीव्रता से महसूस करता है |
एक नवजात के लिए हर दिन , यहाँ तक कि हर क्षण, एक परिवर्तनकारी बदलाव वाला क्षण होता है| आप कुछ भी कहते हैं , विशेषकर पारिवारिक दायरे में , वो मायने रखता है , और उससे हर किसी के जीवन में कुछ फर्क आएगा| अपनी नज़रों को दयालुता के क्षितिज पर रखें, परिवर्तनकारी बदलाव की लहरें, चाहे कैसी भी हों|
मनन के लिए मूल प्रश्न: आपके लिए अपनी नज़रों को दयालुता के क्षितिज पर रखना, क्या मायने रखता है ? क्या आप उस समय की कहानी साझा कर सकते हैं जब आपने महसूस किया कि आप एक भंवर में फंसे हैं और उससे बाहर आने के लिए, आपको अपनी नज़र दयालुता के क्षितिज पर रखनी पड़ी हो ? आपको अपनी नज़रें दयालुता के क्षितिज पर रखने में किस चीज़ से मदद मिलती है ?
Joy Harjo, the 23rd Poet Laureate of the United States, is a member of the Mvskoke Nation. She is only the second poet to be appointed a third term as U.S. Poet Laureate. Reading above is from her blog.