कोमलता का एहसास द्वारा रिचर्ड रड
कोमलता ही सभी अध्यात्मिक साधनाओं के सबसे बड़े रहस्यों में एक है|
हम जब भी कोमलता अपना लेते हैं, तो पानी की तरह बन जाते हैं|
हम जीवन को अपने पास आने देते हैं| हम जीवन के प्रवाह में भरोसा करते हैं, और हम अपने जीवन को उसके चयन किये हुए रास्ते में चलाने की अनुमति दे देते हैं|
यह ही सच्ची शक्ति है क्योंकि यह प्रेम की उपज है , और प्रेम इस ब्रह्माण्ड में सबसे कोमल वस्तु है , और कोमल होते हुए भी प्रेम सबसे अधिक शक्तिशाली है |
जब भी अपने आप के प्रति कोमलता का रुख अपना लेते हैं , औरों के प्रति कोमलता का रुख अपना लेते हैं , जीवन के प्रति कोमलता का रुख अपना लेते हैं , तो आपके अपने आप में स्थित एक स्वाभाविक प्रज्ञा बाहर निकल के आती है|
आपका शरीर कोमल हो जाता है, आपके विचार कोमल हो जाते हैं और आपका ह्रदय कोमल हो जाता है |
इस कोमलता के मध्य से आपको स्पष्टता एवं मकसद मिल जाता है , बिना किसी भी चीज़ की जबरदस्ती करने की आवश्यता के |
आपके जीवन का एक सहज विकास होने लग जाता है , एक निरंतर चलते द्वन्द के बजाये |
मनन के लिए बीज प्रश्न : आप के लिए कोमलता का मायने क्या है ? क्या आप एक ऐसे समय की निजी कहानी साझा कर सकते हैं , जब आप अपने अन्दर में व्याप्त स्वाभाविक प्रज्ञा को बाहर भेज पाए थे? आपको अपने निरंतर चलते द्वन्द के बजाये ,अपना सहज विकास करने में किस चीज़ से मदद मिलती है ?
Richard Rudd is a teacher, mystic and poet.