गहन परिवर्तनों को प्रज्ञा के साथ गले लगाना , वैनेसा आंद्रेओटी द्वारा
हम प्रजातियों, पारिस्थितिकी तंत्रों, संगठनों और प्रणालियों के अंत काल के संकट पर खड़े हैं, इसलिए मर्न्नासन लोगों की सेवा जैसे कार्य का अर्थ है, डर के भी आगे बढ़ जाना और आगे होने वाले गहरे आतंरिक परिवर्तनों को प्रज्ञा के साथ गले लगाना । इस समय के सूत्रधार बनने के लिए, हमें वस्तुओं एवं जीवन के अंत काल की ओर बढ़ने के लिए, अभ्यास और क्षमताएं विकसित करनी होंगी, तत्परता या नियंत्रण के साथ नहीं , बल्कि एक प्रकार की स्थिरता के साथ जो अस्तित्व के नए तरीकों के जन्म को आमंत्रित करती है। किसी भी चीज़ या प्राणी का अंत एक हार नहीं है , यह एक ऐसे चक्र का हिस्सा है जिसे हमारी उपलब्द्धता , श्रद्धा एवं विनम्रता की आवश्यकता है |
विकास और विस्तार पर हमारा अत्यधिक ध्यान हमें मृत्यु के सामने बैठने के लिए तैयार नहीं होने देता है - चाहे वह उद्योगों की मृत्यु हो या जीवमंडल की मृत्यु हो – बल्कि इनके शोक में असहजता हमें वर्तमान में पूरी तरह से जीवंत रहने से रोकती है। हम पुरानी संरचनाओं को तोड़ने की अनुमति कैसे दे सकते हैं और कैसे हम पुनर्निर्माण की जल्दी करने की हडबडाहट से बचसकते हैं ? हम उस चीज़ के लिए जगह कैसे बना सकते हैं जो अपरिवर्तनीय रूप से बदल रही है, बिना उसे बचाने या ठीक करने की हडबडाहट बिना ?
इस सन्दर्भ में , एक अच्छी मृत्यु की कल्पना करना यह कल्पना करना है कि हम अंत से कैसे संबंधित हैं, विनाशकारी विफलताओं के रूप में में, या ऐसी परिस्थितियों के जिनसे बचने की आवश्यता है , या उन प्राकृतिक प्रक्रियाओं के रूप में जो अपने भीतर नवीनीकरण के बीज रखती हैं। एक अच्छी मृत्यु हमें उन चीजों के जीवन को नियंत्रित करने या बढ़ाने की मजबूरी को छोड़ने के लिए आमंत्रित करती है जो अपने उद्देश्य से बाहर हो गई हैं - चाहे वे उद्योग हों, सिस्टम हों या हमारे अस्तित्व में होने तरीके हों। इसके बजाये हमें इन अंतों को उसी श्रद्धा और सेवा में , उनका साथ देने के लिए कहा जाता है, जो हम अपने किसी प्रियजन को उनके अंतिम क्षणों में दे सकते हैं, यह जानते हुए कि एक चक्र का अंत दूसरे चक्र की शुरुआत है।
जागरूकता से समाप्त करने की अपनी क्षमता ,अपनी मृत्यु के नज़दीक पहुँचे लोगों को आश्रय देने की क्षमता और अच्छी उपजाऊ खाद बनाने का प्रयत्न करने की क्षमता और इन सब प्रथाओं को विकसित करते हुए, हमें संकीर्ण सीमा वाली बुद्धिमत्ता से आगे बढ़ने की जरूरत है, जो या तो एकतरफ़ा सोच की विशेषता है, और/ या जवाबदेही के ऐसे रूप हैं जिन्हें केवल एक ही -लक्ष्य को प्राप्त करने के संदर्भ में समझाया गया है। इसके बजाय, हमें व्यापक-सीमा वाली बुद्धिमत्ता की आवश्यकता है जो हमें जटिलता, अनिश्चितता और अस्पष्टता के साथ काम करने की अनुमति देती है।
ये इस प्रकार के पूर्वग्रह/मानसिकताएं हैं, जिनमे सार्वभौमिकता एवं भाषा व शब्द -प्रेरित बाहरी वास्तविकता शामिल हैं, जिन्हें अवरोधित करने की आवश्यकता है | सही में , हमें ज्यादा आवश्यकता है एक प्रकार के विनिवेश की , अवरोधन से भी ज्यादा | हमें आवश्यकता हैं इस प्रकार की निश्चितताओं से विनिवेश की और उसके पश्चात जटिलता में निवेश करने की अपनी क्षमता बढ़ने की | (विवर्तन ) diffraction (यानि एक प्रकार की तरंगो का किसी अवरोध से टकरा कर अलग प्रकार ले लेना) का सहारा लेने की धारणा जो भौतिक शास्त्री एवं महिला विचारक करेन बरार्ड ने अपनाई है ,जिससे हम अलग तरह की समस्याओं की विभिन्न परतों को देख पाते हैं| अगर आप वास्तविकता का विवर्तन करते हैं तो आप पाते हैं की विभिन्न प्रकार के लोग , विभिन्न प्रकार की वास्तविकताओं में रहते हैं और फिर भी वो सभी वर्त्तमान में होते हैं और हर वक़्त क्रिया शील रहते हैं | और ये एक प्रयास है जिसे प्रज्ञा की आवश्यकता है , और ये जटिलता से जूझने जैसा प्रयास नहीं है | प्रज्ञा का अर्थ है , विषय की व्यावहारिकता में प्रतिबद्धता लेकिन साथ में उस पूर्णता की रहस्यमयता एवं उस पूर्णता के चलन का एहसास बनाये रखना, जो हमसे भी ऊपर निवास करती है | ये एक अलग प्रकार की प्रतिबद्धता है , एक अलग प्रकार की क्षमता है | व्यापक – सीमाओं वाला ज्ञान , एवं उसके साथ में जुडी हुई प्रज्ञा , ये एक सबसे न्यूनतम आवश्यकता है , हमारे मर्न्नासन लोगों की सेवा जैसे कार्य में आगे बढ़ने में , एवं हमारे गहन आतंरिक परिवर्तन के कार्य में आगे बढ़ने में|
मनन के लिए बीज प्रश्न : व्यापक सीमाओं वाला ज्ञान आपके लिए क्या मायने रखता है ? क्या आप ऐसे समय की कहानी साझा कर सकते हैं जब आप एक गहन आतंरिक परिवर्तन के जागरूक समापन को सहारा दे पाए हों? आपको किसी भी अंत काल को श्रद्धा से सहारा देने में किस बात से मदद मिलती है ?