उड्लय उड्लय ओ , ( एक प्रकार का खुली आवाज़ का गायन ) स्वतंत्रता से भी ऊपर है द्वारा डेविड बुलन
एक जीवंत तेज़ रोशनी - सूफी नृत्य में मग्न एवं झूमती हुई;
मेरी बेचैन आँखों में अधेड़ उम्र की परछाई से ढकी हुई है ।
मेरा बर्फ़ से चमकता पहाड़ी सा मूलसत्व( essence ) उस छाया के माध्यम से चमक रहा है,
पर मेरे अनुभवों की गुफाओं वाली पहाड़ियों में मानो वो अज्ञात रूप में आराम कर रहा है |
यह उस हांडी से आता है जिसमें स्वपनों के शरबत बनते हैं।
उन सभी चीज़ों के लिए एक प्यार भरी स्वीकृति के गर्भ से, जो हमेशा थीं, और हमेशा रहेंगी ।
यह मेरे महत्वहीन, स्वप्न- रुपी शरीर को जगाने के लिए है।
समय पे पूर्ण करने योग कार्य, और ध्वनि रुपी संवेदनाएँ, मेरा ध्यान आकर्षित करती हैं।
मेरी जीवन पर जबरदस्त पकड़ , समय की घाटी में , “ उड्लय उड्लय ओ “ ध्वनि के साथ गूंजेगी |
लेकिन एक अंदरूनी शांत आवाज़ मुझे भीतर की ओर आकर्षित करती है ,
गहन-वर्तमान में रमा मन , मेरे अर्थ-खोजी मन को मुक्त करना चाहता है।
और फिर भी, मेरे अनुभव की भारी भरकम धाराएँ
वास्तविकता को सुन्न कर देने वाले वर्तमान क्षण के कर्कश विस्फोट में अन्तर-निद्रा करती हैं ।
मुझे अपनी मांड ( starch) सुसाज्जित लांड्री को तेजी से फैलाने दीजिए।
जीवन के नशीले घेराव में मुझे साथ जोड़ कर ।
मुझे अपने जादुई खुरदरे पत्थर से गुदगुदी करें |
आशय तलाशने को हाँफते हुए,
मैं सहज व्याकुलता से अपने फंसे हुए स्व-चालित मन (echo mind ) में उतर जाता हूँ |
अपने पुराने किले मैं कैद , अपनी तन्हाई मैं कैद, प्रिज्म के माध्यम की रौशनी के तरह बिखरा हुआ,
अपनी सरल उलझनों में प्रतिस्थापित |
क्या होता अगर मेरा आतंरिक, उड्लय उड्लय ओ, करने वाला मन , पूर्णतयः स्वतंत्र हो सकता ................ के लिए ?
मनन के लिए बीज प्रश्न : आपके लिए आशय-तलाशते-मन से आज़ादी , एवं एक गहन वर्त्तमान की प्राप्ति ,क्या मायने रखती है ? क्या आप ऐसे समय की कोई निजी कहानी साझा कर सकते हैं जब आपको एक ऐसी जागृति ( awakening) का एहसास हुआ जो किसी भी आशय (meaning) से आगे बढ़ कर थी ? आपको अपने स्व -चालित मन से अलग हट कर, और किसी भी आशय (meaning) की तलाश से आगे बढ़ कर , जीवन में बढ़ने में किस बात से मदद मिलती है?