किसी को ये आभास कराना की वो अकेले नहीं हैं, , कोई छोटी सी बात नहीं है| द्वारा देबोराह हव्किंस |
महीनों पहले मैंने तय किया कि एक मरणासन्न रोगियों के आश्रय ( Hospice organisation) में सेवा देने का अवसर की तलाश करूंगा |
मेरी शुरुआती उत्सुक्ता तब सामने आई जब मैंने यह विचार करने की कोशिश की , कि मैं अपनी सुनने की योग्यता, और उन्हें शब्दों में उतारने की योग्यता को कैसे इस्तेमाल कर सकता हूँ| मैंने ऐसी खयाली कल्पना की कि मैं जान लेवा बीमारी वाले मरीजों को मदद करूंगा , पत्र लिखने में, जिससे उनकी अव्यक्त भावनाओं को एक निश्चित प्रकार दिया जा सके,और उससे शायद उन्हें शांति का अनुभव होगा |
मैं सेवा तो करना चाहता था परन्तु मैं ज्यादा उस विचार से प्रेरित था कि मैं वो कर पाऊँ जिसे मैं अच्छी तरह करता हूँ| पर मुझे यह अच्छा प्रतीत नहीं हुआ| स्वैच्छिक सेवा की मूल मांग है, कि मेरे सारे प्रयास उन के लिए हों, जिनकी मैं सेवा करना चाहता था|
मैंने कई मरणासन्न रोगियों के आश्रय को तलाशा| मेरे अर्जी लगाने के लगभग दो महीने बाद, मुझे पहली बार सेवा देने का अवसर मिला|
यह मनन करते हुए कि सुनने की इन्द्रिय सबसे अंत में मनुष्य को छोडती है, मैंने कुछ गाने spotify में तैयार करे ताकि मैं जब किसी के बिस्तर के पास बैठूं तो अपने फ़ोन से उन्हें सुना सकूं |
मैंने शास्त्रीय धुनें जोड़ लीं और इसाई धर्म की शानदार धुनें भी एकत्रित कर लीं , परन्तु यह वो नहीं थे जो वहां मुझे बजाने की लिए कहा गया |
वहां के समाज सेवक कर्मचारी ने मुझे पीट (Pete) से मिलने को कहा , जिसका परिवार सुबह उपरांत उससे मिलने आने वाला था|मुझे बताया गया उसे OTIS Redding पसंद है|
मैं जब उसके कमरे में गया तो मैंने अपना परिचय दिया और मैंने उससे पुछा कि क्या मैं उससे मिल सकता हूँ एवं उसके पास बैठ सकता हूँ, हालाँकि मुझे पता था की वो जवाब नहीं दे पायेगा| मैं उसके बिस्तर के पास बैठ गया और फ़ोन को टटोलता रहा | मुझे महसूस हुआ कि मैं बिलकुल तैयार नहीं हूँ|
मैं बडबडाया , छोटे वाक्यों को, मन ही मन , थोडा जोर से, जैसे कि तुम्हारा परिवार जल्दी ही पहुँचने वाला है , और साथ ही साथ , अपने मन में उसके लिए शांति की कामना की|
मैं उसके व्यवहार के बदलाव को देखने लगा, और ये पता लगाने की कोशिश करने लगा, कि मुझे ऐसा कुछ भी शारीरिक गतिविधि ऐसी देखने को मिले, जो तनावपूर्ण दिखती हो और जिससे नर्स को बुलाना जरूरी हो जाये, और इसी दौरान मैं अपने फ़ोन में “this is ottis redding” खोज निकाला|
उसकी आँखें खुली थीं पर वे गतिहीन थीं और हम “ sitting on the dock of the bay” का संगीत सुनते रहे|मैंने देखा कि उसके साँसों के बीच का अंतराल लम्बा होता जा रहा है, पर उसे सांस अन्दर लेने में उतना प्रयास नहीं करनी पड़ रहा | इसी के बाद अगला गाना शुरू हुआ | उसके बोल थे .....
जब रात्रि का आगमन हुआ है,
और जमीन में पूर्ण अँधेरा है,
और सिर्फ चन्द्रमा की रौशनी के उजाला ही नज़र आता है |
नहीं , मैं नहीं घबराता हूँ ,
नहीं मैं नहीं घबराऊँगा ,
जब तक की तुम मेरे साथ खड़े हो,
मेरे साथ खड़े रहो|
शायद उसके बिस्तर पर ऐसे मापने के मंत्र लगे थे, जिन्होंने ये खबर पहुंचा दी हो , पर उसी समय डॉक्टर और नर्स कमरे में आ गए | डॉक्टर ने मरीज के कन्धों पर हाथ रखा|पीट (Pete) ने कुछ और साँसे लीं , इसके पहले कि डॉक्टर ने उसकी नब्ज़ एवं अन्य जांच की, और उसे मृत घोषित कर दिया |
जब मैं पहले बैठा तो मुझे इस बात की चिंता थी कि मैंने सही संगीत चुना है अथवा नहीं, और क्या मैं एक कुशल प्रेक्षक हूँ एवं क्या मैं वहां के चिकित्सकों के लिए अच्छी रिपोर्टिंग कर सकता हूँ, पर मैंने देखा की ये सारे पूर्वाग्रह क्षीण होते चले गए|
मैं नहीं कह सकता कि उसके कमरे में मेरी उपस्थिति ने , या उसके अपने पसंदीदा गाने सुनने ने, उसकेजीवन में कोई अच्छा असर डाला हो, पर शायद हमें कुछ पता नहीं होता| मैंने अपने बारे में सोचना छोड़ दिया| मैं कृतज्ञ था तो बस उस अनुभव का|
किसी को ये आभास कराना कि वो अकेले नहीं है, कोई छोटी सी बात नहीं है|
मनन के लिए मूल प्रश्न : आप इस विचार से कैसा नाता रखते हैं कि हमें पता नहीं होता कि किसी के जीवन में किस बात से अच्छा असर पड़ सकता है? क्या आप एक ऐसी निजी कहानी उस समय की साझा कर सकते हैं जब आपने किसीको यह जताया हो कि वो अकेले नहीं हैं ? आपको अपने बारे में सोचने से बचने में , किस चीज़ से सहायता मिलती है ?