होपियम
- मार्गरेट व्हीटली द्वारा
आशा के साथ दिक़्क़त यह है कि यह द्विध्रुवीय है। हर बार जब हम आशा पर भरोसा करते हैं, तो हम हमेशा भय को भी साथ में ले आते हैं। बुद्धिमता सिखाती है कि आशा और भय एक ही संचालक शक्ति के दो पहलू हैं। यह बात आप पहले से ही अपने अनुभव के द्वारा जानते हैं। ज़रा सोचिए, कि जब आप किसी परियोजना, कार्य या व्यक्ति के लिए बहुत आशा और प्रयास करते हैं, आपने तो इसकी सफलता के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन फिर यह आपके नियंत्रण से बाहर के कारणों की वजह से विफल हो गया। तब आपको कैसा लगा?
हम में से बहुत से अच्छे लोग जो बदलाव लाने के लिए समर्पित हैं, आशा के आदी हो गए हैं। पृथ्वी , लोगों, प्रजातियों और भविष्य का विनाश होता देख कर हम हताश होते हैं । फिर भी हमें बदलाव लाने की ज़रूरत महसूस होती है। इसलिए हम हमें प्रेरित करने और ऊर्जा देने के लिए आशा का दामन थाम लेते हैं।
होलोकॉस्ट से बच कर निकल पाने वाले , हन्ना अरेंड्ट ने कहा, "आशा बुरे समय में साहसपूर्वक कार्य करने के लिए एक खतरनाक बाधा है। आशा में, मानस वास्तविकता से आगे निकल जाता है, जैसे कि डर में वह वास्तविकता से पीछे हट जाता है।"
इस चक्र के बारे में जागरूक होने और खुद को होपियम की दवा से मुक्त करने का समय आ गया है। होपियम हमें कभी भी वह ऊर्जा और प्रेरणा नहीं देता है जिसकी हमें योगदान और दृढ़ता के लिए आवश्यकता होती है। जब हम अपने आप को आशा और भय के चक्र से मुक्त करते हैं, तो हम बेकार, आशाहीन लोग नहीं बनते हैं। बल्कि हम ऐसे व्यक्ति बन जाते हैं जो स्पष्ट रूप से देख पाते हैं कि सार्थक तरीकों से कैसे योगदान दिया जाए । हम ऐसे कार्य की खोज करते हैं जिससे एक अलग बदलाव आता है। हम अपने प्रभावक्षेत्र के भीतर व्यक्ति, समुदाय, और स्थानीय कार्य के लिए सार्थक योगदान देते हैं।
जो लोग किसी ऐसे दोस्त या परिवार के सदस्य की गहरी परवाह करते हैं, जो कि व्यसनी है, वे कभी-कभी उस व्यक्ति के लिए उनकी लत को देखने और एक बेहतर तरीके की खोज करने के लिए हस्तक्षेप करेंगे। यह मेरी हार्दिक आकांक्षा है कि हम अपने आप को होपियम से मुक्त करें ताकि हम मानवीय भावना और जीवन की भावना की सेवा के लिए सार्थक कार्य खोज सकें।
आशा हमें हमारे योगदान के मार्ग में अंधा कर देती है। पृथ्वी के लिए इस गहरे दुख के समय में हम अंतर्दृष्टि और करुणा के साथ योगदान करने के लिए बहुत सारे तरीके खोज सकते हैं।
प्रतिबिंब के लिए मूल प्रश्न: आप इस धारणा से कैसे संबंधित हैं कि आशा और भय एक ही संचालक शक्ति के दो पहलू हैं? क्या आप किसी ऐसे समय की व्यक्तिगत कहानी साझा कर सकते हैं जब आप आशा और भय से आगे बढ़ने में सक्षम थे और स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि आप सार्थक तरीकों से कैसे योगदान दे सकते हैं? आपको अपने योगदान में केंद्रित रहने में क्या मदद करता है?
Margaret Wheatley is a celebrated author of many books. Excerpt above is from her Medium article Freeing Ourselves from the Addiction of Hope.