प्रेम पर
-जस्टिन फ़ारमैन द्वारा
मैं देखता हूँ , कि बहुत सारे लोग दुनिया की समस्याओं के बारे में बात कर रहे हैं लेकिन बहुत कम लोग उसके समाधान के बारे में बातकर रहे हैं: प्रेम
हालाँकि हम अक्सर इसे अटपटा बनाने की कोशिश करते हैं , लेकिन वास्तव में यह बहुत सरल बात है…
जब लोग प्रेम पर ध्यान केंद्रित करते हैं तो युद्ध जारी रखना बहुत कठिन होता है।
जब लोग प्रेम में एक साथ सहयोग कर रहे हों तो आर्थिक संकट आने की संभावना बहुत कम होती है।
जब लोग पृथ्वी के साथ प्यार भरा बर्ताव कर रहे होते हैं तो माल सामान एक जगह से दूसरी जगह लाने - ले जाने में दिक़्क़त आने कीऔर पर्यावरण को नुक़सान पहुँचने की सम्भावना बहुत कम हो जाती है।
और फिर कुछ लोग कहते हैं:
आह... लेकिन आपके लिए यह कहना आसान है, क्योंकि आपके पास कुछ ख़ास अधिकार है!
लेकिन ख़ास अधिकारों का क्या फायदा अगर यह प्रेम के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाते हैं ?
जब तथाकथित विशेषाधिकार प्राप्त लोग प्रेम भी नहीं कर सकते हैं तो किसी और से कैसे उम्मीद की जा सकती है?
मैं कहता हूं कि प्रेम करना विशेषाधिकार प्राप्त लोगों का कर्तव्य है, क्योंकि यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके पास असल में कोईविशेषाधिकार हैं ही नहीं!
क्योंकि जीवन में एकमात्र सच्चा विशेषाधिकार प्रेम करना है।
और फिर कुछ कहते हैं:
लेकिन कई लोग ऐसे हैं जो इस विचार पर हंसेंगे... इसका मज़ाक़ उड़ाएँगे ... यहां तक कि लड़ें भी!
और मैं तुमसे कहता हूं:
मैंने कभी प्रेम के खिलाफ ठोस तर्क नहीं सुना।
और मैंने कभी ऐसे सम्मोहक भविष्य का सपना नहीं देखा जिसमें प्रेम शामिल न हो।
और जिस किसी से मैं कभी भी मिला हूं, जो प्रेम के बिना रहा है, वह स्पष्ट रूप से दर्द और पीड़ा में है।
और फिर भी कुछ और भी हैं जो कहते हैं कि यह उच्च विचार वाला आदर्शवाद है और वास्तविकता यह है कि हम सभी को कभी भी एकमत पर नहीं ला सकेंगे।
और मैं उनसे कहता हूं कि मानवता ने कभी भी कुछ भी मूल्यवान हासिल नहीं किया है जब तक कि उच्च विचारधारा वाले आदर्शवादी खेल में न हो ...
इतिहास आदर्शवादी, और प्रेरित लोगों के छोटे समूहों के दुनिया को बदलने वाले उदाहरणों से भरा है
और फिर भी मैं कहता हूं कि मानव रूप में प्रेम होने की कोई आदर्श अवस्था नहीं है।
यह एक ऐसा चुनाव है जिसे आप बार-बार करते हैं...
यह उस सिद्धांत के प्रति प्रतिबद्धता है जिसे आप अपने निश्चित होने वाले भटकाव के बावजूद वापस लौटते हैं ...
यह एक मापदंड है जिसे आप अपने सभी निर्णयों के लिए धारण करते हैं ... आपकी सभी पसंद ... आपके सभी रिश्ते ...
कि आप उन्हें मापते हैं-
कि आप बेहद दर्द का भी सामना पूरी हिम्मत के साथ करते हैं…
कि जब आप खो जाते हैं तो भी आप वापस आ जाते हैं।
यह प्रेम हैं।
एक अलग सा एहसास होगा और आपको पता चल जाएगा कि प्रेम आपको मिल गया है।
अंतत: यही मानवता की एकमात्र समस्या है,
कि हम प्रेम की इस भावना से अलग हो गए हैं।
अन्य सभी मुद्दों की जड़ें यहीं हैं।
और इस प्रकार यह हमारी एकमात्र सच्ची आवश्यकता है - इस एहसास पर लौटने की।
दुनिया आपको अलग रास्ते पर ले जाने की भरपूर कोशिश करेगी।
और सही पूछो तो अभी पूरी ताक़त लगा कर, अभी कर ही रही है!
या
आप इसे कैसे देखते हैं, इस पर निर्भर है ..
आपको असीम अवसर मिल रहे हैं , अथाह गहराइयों में जाकर प्रेम को अपनाने के।
मनन के लिए मूल प्रश्न: आप इस धारणा से कैसे संबंधित हैं कि हमारी दुनिया की समस्याओं का समाधान प्रेम है? क्या आप कोई व्यक्तिगत कहानी साझा कर सकते हैं जब आपने किसी समस्या के समाधान के रूप में प्रेम की कोशिश की हो? प्रेम भाव में बने रहने में क्या बात आपकी मदद करती है?