अन्य से गुप्त रिश्तेदारी , द्वारा रिचर्ड पावर्स
शायद वंशाणु ही एक ऐसी चीज़ हैं जिसे बचाने के लिए हमें ढाला गया है| शायद परोपकारिता उपजती है लगाव , संयुक्त मायने, एवं संयुक्त मूल्य पहचानने के लिए| शायद हमारे आपसी संबंधों को इस बात से ज्यादा कुछ नहीं दर्शाता की हमारी अन्य प्राणियों पर निर्भरता को हम महसूस करते हैं| एक हिंसक जानवर भी अपने शिकार पे पुर्नातयःनिर्भर होता है: और ये भी एक प्रकार का खून का रिश्ता है|
मैं एक उपन्यासकार हूं |मैं पूरे दिन, उन व्यक्तियों के ह्रदय में रहने की कोशिश करता हूं, जो इस उम्मीद पे , की इस बनावटी और आपसी काल्पनिक दुनिया में, जिसे अहम वास्तविक दुनिया मानते हैं, कोई उन्हें ऐसा आत्मीय व्यक्ति, अपने रिश्तों या मित्रों में मिल जाए| |मेरी काल्पनिक उपन्यासों में,रिश्तेदारी ,द्वंदों से बनती है|प्रतिकूल प्रतीत होते मूल्यों के नाटकीय उलझन के खेल के माध्यम से, मेरे किरदार, अपने आतंरिक मन की राह को ,अन्य के माध्यम से पहचान लेते हैं|
अन्य से गुप्त रिश्तेदारी , चाहे वो चिर दुश्मन ही हो – काल्पनिक उपन्यासों का पोषक आधार है| अवश्य ही Darth Vader जैसे नाम के सामने , आपको एक वंशाणु रिश्तें की अपेक्षा रहती होगी|Leslie Fiedler , ने एक शोध किया था कि काफ़ी सारे अमरीकी उपनाय्सों में एक श्वेत पुरुष एवं एक अश्वेत पुरुष के , को काल्पनिक घटनाओं के माध्यम से आपस में, किसी संकटकाल स्थिति में, आपस में जुड़ जाते हैं,, और उनमे किस तरह एक आपसी निर्भरता आ जाती है| कल्पना “मैं “ और “अन्य “ के भेद को चुनौती देती है| कल्पना रिश्तों को निचोड़ देती है, टुकड़े टुकड़े कर देती है, और पारिवारिक रिश्तों के विचार को हिला देती है, पर शायद इसी प्रयास में , परिवार की परिभाषा बढ़ा देती है|
अभी के हालत में हम पारिवारिक आपातकाल के मध्य में हैं और इसमें पारिवारिक रिश्तों की जांच हो जाएगी| सिर्फ आत्मीय , और बहुत सारे, दुनिया के अनेक कोनों के जीव ही, हमें आने वाले कठिन वर्षों में मदद करेंगे| हमें मुक्ति एवं अचरज भरी कथाओं कि आवश्यकता होगी, ऐसी कथाओं की ,जिनमे मानवीय एवं अन्य प्राणियों ने बराबरी का हिसा लिया हो|कथाएं ही, मनुष्यों को अपनी आपसी जड़ों के माध्यम से , नम्रता की ओर, धरण (humus) की ओर ले जाने में मदद करेंगी|जिस जड़ की हम तलाश कर रहे उसका मायने यहाँ पर dghgem : यानि पृथ्वी है|आत्मीयता , मिली जुली किस्मत एवं एक दूसरे के आर पार मायनों की पहचान है| ये इस बात का एहसास कराती है कि मैं जितना ज्यादा देता हूं, मेरे पास उतना ही बढ़ जाता है| कुदरती चयन ने सभी विन्भिन्न जीवों को एक विशाल खोज के तहत भेज रखा है, और आत्मीयता प्रयेक प्राणी के अंदर मौजूद विभिन्न झुंडों को दर्शाता है|कुदरत को पता है कि कैसे एक जीवन को, जो गहन मायने एवं अपनी पहचान प्राप्त होती है, वो अवश्य ही किसी अन्य प्राणी द्वारा बनाई व पोषित की गई होती है|
क्या प्यार , अपनी अबोध्य विचित्रता में, ये उम्मीद कर सकता है कि वो उस संस्कृति को पार कर पायेगा, जो एकवाद पे आधारित है और जिसने असंख्य जीवों को रिश्तेदारी एवं परस्पर निर्भरता से दूर रखा है| ये अभी हमारा केंद्रीय नाटक है| ये भविष्य की एक ना छूटने वाली कहानी है, और हम सभी वो किरदार हैं, जिन्हें उस विरोध को अपने नतीजे तक पहुँचाना है||
वो कथाएं , जिनकी हमको जरूरत है, खोजने के लिए , हमें वृक्षों की रिश्तेदारी को देखना चाहिए|वृक्ष एक दूसरे को वायु के माध्यम से संकेत देते हैं और एक ऐसे प्रतिरक्षित व्यवस्था से जुड़े होते हैं और ये मीलों तक फैली होती है| ये वृक्ष आपस में जीवन दायनी खाद्य सामग्री एवं अन्य पोषक तत्व , फफूंदी माध्यम से , एक दूसरे को प्रदान करते हैं, और एक दूसरे को, यहाँ तक कि विभिन्न प्रजाति के वृक्षों की भी, देख भाल करते हैं| पर शायद इस प्रकार के सामूदायिक मेलजोल से अचम्भा नहीं होना चाहिए| इस पूरे परितंत्र में प्रत्येक जीवअपने आस पास के प्रत्येक जीव से एक परस्पर लेन देन से जुड़ा है| प्रतिस्पर्धा के कार्यों से अधिक सहयोगिता के कार्य देखने को मिलते हैं|बुद्ध के शब्दों में “ वृक्ष एक अद्भुत वस्तु है जो समस्त प्राणियों को आश्रय देती है, पोषण देती है और रक्षा करती है|वृक्ष ही है , जो उसको भी छाया प्रदान करता है , जो उसे कुल्हाड़ी से काटने आता है| प्रसंगवश , बुद्ध ने ही कहा था: हमारी अस्मिता , एक प्रज्वलित घर है, निकल जायें , जब तक निकल सकते हैं||
मनन के लिए बीज प्रश्न : इस बात से आप कैसा नाता रखते हैं कि हम सब, एक दूसरे से, गुप्त रिश्तेदारी से जुड़े हैं? क्या आप एक ऐसी निजी कहानी साझा कर सकते हैं जब आपको किसी के साथ गुप्त रिश्तेदारी का एहसास हुआ हो? आपको उलझे हुए रिश्तों में गुप्त आत्मीयता खोजने में किस चीज़ से सहायता मिलती है|