A Heart Of Warmth Is Not Something Impossible


Image of the Weekएक प्यार भरा दिल होना असंभव नहीं है
- तेनज़िन पाल्मो (२९ जनवरी २०२०)


प्यार का क्या मतलब है? पश्चिम में, हम प्रेम का गलत अर्थ समझते हैं; हम "आई लव आइस क्रीम" से "आई लव गॉड" तक हर समय इस शब्द को फेंकते रहते हैं। लेकिन हम प्यार को गलती से, इच्छा, लोभ, वासना और मोह समझते हैं। हमें लगता है कि किसी चीज़ या किसी व्यक्ति से प्यार करने का मतलब है उसे बहुत कसकर पकड़ कर रखना और उसे "मेरा" समझना है। और इस लोभी मन के कारण, हम बहुत दुखी रहते हैं। हम इस डर से पीड़ित रहते हैं कि हम जो चाहते हैं उसे खो देंगे, और जब हम उसे खो देते हैं तो हम दुःख से पीड़ित होते हैं। उसके बारे में सोचिये। हम आमतौर पर लगाव को गलती से प्यार समझते हैं। लेकिन आसक्ति प्रेम नहीं है। आसक्ति पकड़ना है, आसक्ति चिपकना है। और यही हमारे दुख की स्थिति में होने का मूल कारण है।

बुद्ध ने कहा कि दुख की एक सच्चाई है और दुख का एक कारण है। दुख का कारण चीज़ों को कस के पकड़ कर रखना है। हम चीजों को इतनी मजबूती से पकड़ते हैं क्योंकि हम नहीं जानते कि चीजों को कैसे हल्के में पकड़ा जाए। लेकिन सब कुछ असंगत है। सब कुछ बह रहा है - यह स्थिर या ठोस नहीं है। हम कुछ भी पकड़ कर नहीं रख सकते। जब तक हम नदी के प्रवाह को पकड़ कर रखने की कोशिश करते हैं, तब तक हम या तो कुछ भी नहीं पाते - क्योंकि हम तंग मुट्ठी में पानी नहीं पकड़ सकते । या फिर, हम प्रवाह को नुकसान पहुंचाते हैं और कुछ रुका हुआ, बदबूदार और बासी ही पाते हैं। वास्तविकता चल है। यदि हम कसकर पकड़ने की कोशिश करते हैं, तो हम इसे मार देते हैं। और उससे इतना दर्द होता है; यह हमारे जीवन में इतना डर पैदा करता है। यह प्यार नहीं है। प्यार दिल को जबरदस्त खोलता है। यह एक वो दिल है जो सोचता है कि "मेरी प्रार्थना है कि आप ठीक और खुश रहें " और न कि "मेरी प्रार्थना है कि आप मुझे ठीक और खुश रखें"। उस प्रकार का दिल बनाने के लिए जो दूसरों के सुख के लिए कामना करता है, हम पहले अपने परिवार के साथ खुलने से शुरुआत कर सकते हैं। इसका मतलब है उन्हें खुश करने की कोशिश करना और उनके प्रति खुला होना। लेकिन उनसे चिपटने या जकड़ने से नहीं - बल्कि केवल उनके लिए उपलब्ध रहने से है। उन्हें प्यार दिखाना, उन्हें स्नेह दिखाना, क्योंकि वे पहले लोग हैं जिन्हें हमारे प्यार और स्नेह की ज़रूरत है। लेकिन यह एक जकड़ने वाला लोभी स्नेह नहीं है। जब मैं 19 साल का था, मैंने एक लामा को खोजने का फैसला किया, और मैंने अपनी माँ से कहा “मैं भारत जा रहा हूँ” और उन्होंने कहा, “अच्छा, तुम कब जा रहे हो?” उन्होंने ये नहीं कहा “तुम्हारा क्या मतलब है कि तुम भारत जा रहे हैं? तुम अपनी गरीब बूढ़ी माँ को कैसे छोड़ कर जा सकते हो ?” उन्होंने कहा,“ अरे हाँ, तुम कब जा रहे हो?” इसलिए नहीं क्योंकि वो मुझसे प्यार नहीं करती थीं, बल्कि इसलिए कि उन्हें मुझसे प्यार था।वह मुझसे प्यार करती थी और वह चाहती थी कि मैं अपनी क्षमता पूरी करूं और खुश रहूं। वह यह नहीं सोच रही थी "ओह, लेकिन तुम मुझे छोड़ कर जा रहे हो,, तो मैं अकेली हो जाउंगी। मैं दुखी हो जाउंगी। तुम मुझे कैसे छोड़ कर जा सकते हैं?” इसलिए, उसके गैर-लगाव के कारण, वह मेरी खुशी में आनन्दित हुईं। यहां तक कि जब मैं दूर था, तब भी मुझे यकीन है कि वह मुझे बहुत याद करती थी, लेकिन वो मेरे द्वारा किए गए सभी कामों, उन स्थानों पर, जो मैं गया था और लोगों से मिला था, उससे वो आनंदित हुईं । [...]

यह प्यार है। और एक प्यार भरा दिल होना असंभव नहीं है। यह कुछ ऐसा दिल है जिसे हम सब विकसित कर सकते हैं। दूसरों को खुश करने में खुशी है , यह सोचने में कि हम कैसे एक छोटी सी खुशी औरों को दे सकते हैं, छोटी से ख़ुशी दूसरों को देकर जिन्हें हम मिलते हैं, एक विनम्र शब्द के माध्यम से, एक मुस्कान के माध्यम से, एक उपहार के माध्यम से या जो भी हो। हमेशा यह नहीं सोचते रहें कि "ओह, लेकिन उन्होंने मुझे कभी कुछ नहीं दिया, इसलिए मैं उन्हें कुछ भी क्यों दूं?", या "वे मुझ देखकर कभी मुस्कुराते नहीं हैं, इसलिए मैं उन्हें देखकर क्यों मुस्कुराऊं।" ऐसा एक छोटा, मामूली दिमाग है।एक ऐसे समाज के बारे में सोचें, जिसमें हर कोई कम से कम एक दूसरे से अच्छा व्यवहार करता हो। यह स्वर्ग होगा, नहीं? और फिर भी यह उन लोगों के साथ हंसमुख होने में हमारा कुछ नहीं जाता, जो बदले में सुखद नहीं हैं। अगर हम हर किसी के साथ मीठा बोलें, तो कुल मिलाकर, लोग प्रतिक्रिया में अनुरूप होंगे।

क्योंकि यह वास्तव में सच है कि हम जीवन से वही पाते हैं जो हम इसमें डालते हैं। और यदि हम हमेशा नकारात्मक विचारों और भावनाओं - क्रोध, आक्रोश या सिर्फ आत्म-अवशोषण को विकीर्ण कर रहे हैं, तो हमें वही वापस मिलेगा। [...]

तो यह हमारे ऊपर है। हम इस दुनिया को ऐसे बनाते हैं जैसा हम इसे अपने दिमाग से बनाते हैं। हम इस दुनिया को कुछ सार्थक बना सकते हैं। हम अपने पर्यावरण में कुछ वास्तविक योगदान दे सकते हैं। यहां तक कि सिर्फ हमारे अपने दायरे में, दूसरों को बेहतर महसूस कराने में मदद करके, हम एक ऐसा जीवन जी सकते हैं जिसका कोई उद्देश्य हो। ताकि हमारे जीवन के अंत में, हम पीछे मुड़कर देख सकें और कह सकें कि, "ठीक है, कम से कम मैंने वह किया जो मैं कर सकता था।" या हम इसे बर्बाद कर सकते हैं- हम जीवन को बड़बड़ाते हुए गुजार सकते हैं, और विलाप करते और शिकायत करते हुए और परिवार में अन्य लोगों, एक दुखी बचपन और माता-पिता या सरकार और समाज को दोष देते हुए। चाहे हम ऊपर जाएँ या चाहे हम नीचे जाएँ या चाहे हम खड़े रहें, यह हमारे ऊपर है। और अगर हम दुखी होना चाहते हैं, तो हम बिलकुल दुखी हो सकते हैं। हमें पूरी अनुमति है। लेकिन अगर हम दुखी नहीं होना चाहते, तो वह भी हमारे ऊपर है। चीजें बदल सकती हैं। पल-पल चीज़ें बदल रही हैं। हम बदल सकते हैं। और अगर हम खुद को बदलते हैं, तो सब कुछ बदल जाता है। सब कुछ बदलता है।

विचार के लिए मूल प्रश्न: एक प्यार भरे दिल का विकास करने से आप क्या समझते है? क्या आप उस समय की एक व्यक्तिगत कहानी बाँट सकते हैं जब आपने प्यार को दिल के जबरदस्त खुलाव के रूप में अनुभव किया हो? आपको प्यार भरे दिल को विकसित करने में किस चीज़ से मदद मिलती है?

यह लेख यहाँ से लिया गया है: http://tenzinpalmo.com/gatsal/Gatsal22-Teaching.pdf

यह हिंदी अनुवाद रेखा गर्ग द्वारा Awakin - ServiceSpace के लिए सप्रेम भेंट है।
 

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