Love Is Not An Emotion


Image of the Weekप्यार एक मनोभाव नहीं है
- बार्बरा फ्रेडरिकसन (२४ अक्टूबर, २०१८)

प्यार, सकारात्मक प्रतिध्वनि के सूक्ष्म क्षणों के रूप में परिभाषित, इस प्रकार सब सकारात्मक भावनाओं में से सबसे अधिक उत्पादक और परिणामी हो सकता है। एक एकल स्थिति होने के कारण, जो कि दो या दो से अधिक दिमागों और शरीरों के बीच वितरित, और प्रतिध्वनित होती है, प्यार की मानसिकता को व्यापक बनाने और संसाधनों का निर्माण करने की क्षमता बहुत दूर तक जा सकती है।

तो प्यार सिर्फ एक और सकारात्मक भावना ही नहीं है। इसके बजाय, यह एक क्षणिक घटना है जिसके माध्यम से हम खुद को अपने आप से किसी बड़ी चीज़ के भाग की तरह अनुभव करते हैं और हम वो बन जाते हैं। जीवन में अर्थ इस प्रकार "इसके बाद सब हमेशा खुशी से रहने लगे” जैसे प्यार के भव्य और अवास्तविक काल्पनिक आदर्शों से उत्पन्न नहीं होता, बल्कि उनसे पैदा होता है जिन्हें कला इतिहासकार निकोलस बूरिऑड सांझी सकारात्मकता के “रोज़-मर्रा के सूक्ष्म यूटोपिया" कहते हैं। प्यार को सकारात्मक प्रतिध्वनि के रूप में देखने से भी जो सीमाएं भावनाओं की अवधारणा को घेरे हुए हैं, वो धुंधली हो जाती हैं।

यदि अधिकतर नहीं, भावनाओं के बहुत से, वैज्ञानिक विवरण इन भावात्मक घटनाओं को व्यक्तियों के भीतर ढूंढते हैं, जो एक व्यक्ति के दिमाग और त्वचा के भीतर सीमित होते हैं। इसके विपरीत, सकारात्मक प्रतिध्वनि की अवधारणा सांस्कृतिक मनोविज्ञान के अंदर से प्रस्तुत होने वाले उन दृष्टिकोणों के अनुरूप है जो मनोभावों को लोगों में से और उनके बीच प्रकट होते हुए देखती है। भावनाओं को व्यक्तियों के गुणों के रूप में देखने की यह पश्चिमी प्रवृत्ति वास्तव में उनकी प्रासंगिक परिस्थति में से केंद्रीय वस्तुओं को निकालने का एक अदूरदर्शी उप-उत्पाद है। इसके विपरीत, प्यार को एक गतिशील प्रक्रिया, जो चारों ओर फैलता है और जो एक -दूसरे को प्रभावित करने वाले दो या दो से अधिक लोगों को जोड़ता है, की तरह समझना सकारात्मक भावनाओं के सामाजिक और सामाजिक कार्यों के खातों को किफायत प्रदान करता है।

प्यार को सकारात्मक प्रतिध्वनि के रूप में देखना इस बात का व्यावहारिक अनुमान भी देता है कि लोग कैसे अपने संबंधों, परिवारों, और समुदायों को मज़बूत कर सकते हैं। इन्हें सीधे सुधारने के प्रयास एक अनजान व्यक्ति को, बिना कोई विश्वासजनक काम किये, “मुझ पर विश्वास करो” कहने की तरह है। इसके विपरीत, यह जानना कि रिश्ते, परिवार और समुदाय उतने ही मज़बूत होते हैं जितनी लोगों में और उनके बीच सकारात्मकता प्रतिध्वनित होती है, हमें यह सकारात्मकता के लिए योजना बनाने और उसे प्राथमिकता देने का मूल्य बताता है। ऐसी गतिविधियों और सुरक्षित संदर्भों को बनाना जो वास्तविक समय में संवेदी सम्बन्ध बनाने और सांझी सकारात्मक भावनाओं के उभरने का समर्थन करता है, सामाजिक संबंधों और समुदाय बनाने के लिए रास्ता बनाता है। यह मार्गदर्शन समकालीन शहरी संस्कृतियों के बीच विशेष रूप से मूल्यवान हो सकता है जो लोगों को बहुकार्यं (मल्टीटास्किंग) और टेक्नोलॉजी द्वारा मध्यस्थ सामाजिक संबंधों की ओर आकर्षित करती हैं। उपन्यासकार उर्सुला ले गिन ने कहा, "प्यार यहां सिर्फ पत्थर की तरह नहीं बैठा रहता ; उसे रोटी की तरह बनाना पड़ता है; हर समय पुनर्निर्मित करना पड़ता है, नया बनाना पड़ता है।"

प्रतिबिंब के लिए बीज प्रश्न:प्यार को एक उस क्षणिक घटना के रूप में जिसके माध्यम से हम खुद को अपने से किसी बड़ी चीज़ का हिस्सा महसूस करते हैं, और वो हिस्सा बन जाते हैं, आप इस अवधारणा से क्या समझते हैं ? क्या आप कोई व्यक्तिगत अनुभव बाँट सकते हैं जब आपने इस तरह प्यार महसूस किया हो? आपके जीवन में सकारात्मकता अनुनाद पैदा करने में किस चीज़ से मदद मिलती है?

यहां से उद्धृत:
http://www.unc.edu/peplab/publications/Fredrickson%202016%20on%20Love,%20Handbook%20of%20Emotions.pdf
 

Excerpted from here.


Add Your Reflection

9 Past Reflections