सबसे महान धर्म
- पीर-ओ-मुर्शिद इनायत खान (१७ जुलाई, २०१९)
हज़रत इनायत खान ने कहा है, "जीवन का अध्ययन सब से बड़ा धर्म है, और इससे बड़ा या ज़्यादा दिलचस्प अध्ययन कोई नहीं है।"
ऐसे दो तरीके हैं जिनसे हम अपनी गतिविधि पर नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं। पहला हमारी अपनी इच्छा शक्ति पर विश्वास; यह जानना कि यदि हम आज असफल रहे हैं, तो कल हम ऐसा नहीं करेंगे। दूसरा है अपनी आँखों को पूरा खुला रखना, और जीवन के सभी पहलुओं में अपनी सक्रियता को ध्यान से देखना। ऐसा अंधेरे में होता है कि हम गिरते हैं, लेकिन प्रकाश में हम देख सकते हैं कि हम कहां जा रहे हैं।
ऐसा ही जीवन में भी है: हमें अपनी आँखें पूरी खुली रखनी चाहिए ताकि हम देख सकें कि हम कहाँ चल रहे हैं। हमें जीवन का अध्ययन करना चाहिए, और यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि हम कोई बात क्यों कहते हैं, और हम जैसा आचरण कर रहे हैं, वैसा हम क्यों करते हैं। हम शायद अब तक असफल रहे हैं क्योंकि हम पूरी तरह से जागृत नहीं हुए हैं। हम नीचे गिरे हैं, और खेद महसूस किया है, और इसके बारे में सब भूल गए हैं, और शायद फिर से गिरे हैं ।ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने जीवन का अध्ययन नहीं किया है। जीवन का अध्ययन सभी धर्मों में सबसे महान है, और इससे बड़ा और दिलचस्प कोई अध्ययन नहीं है। जिन लोगों ने गतिविधि के सभी क़िस्मों पर महारत हासिल कर ली है, वे सबसे ज़्यादा जीवन के सभी पहलुओं का अनुभव करते हैं। वे समुद्र में तैराक की तरह हैं जो जीवन के पानी पर तैरते हैं और डूबते नहीं।
यदि हम केवल यह जानते कि जीवन का अध्ययन हमें क्या बता सकता है! हम ब्रिटिश संग्रहालय में जा सकते हैं और उस इमारत में हर किताब पढ़ सकते हैं, और फिर भी उससे शायद संतुष्टि नहीं मिलेगी। यह अध्ययन नहीं है, यह अनुसंधान नहीं है, यह जांच नहीं है जो यह ज्ञान देता है; यह वास्तव में जीवन के अनुभवों से गुज़रना है, जीवन को इसके विभिन्न पहलुओं में और इसके विभिन्न चरणों या क्षेत्रों में देखना है; यही जीवन के आदर्श को प्रकट करता है ... जीवन को ऐसे मत देखो जैसे एक व्यक्ति मंच पर एक नाटक देखता है। बल्कि इसे एक छात्र के रूप में देखो जो कॉलेज में पढ़ रहा है।
यह एक चलता हुआ शो नहीं है; यह मनोरंजन का स्थान नहीं है जिसमें हम अपना जीवन व्यर्थ कर दें।यह अध्ययन का एक स्थान है, जिसमें हर दुःख, हर दिल के टूटने की घटना एक अनमोल सीख देते हैं। यह एक ऐसी जगह है जिसमें हम ख़ुद की पीड़ा से, औरों की पीड़ा के अध्ययन से सीख सकें; उन लोगों से सीखें जिन्होंने हमारे साथ अच्छा बर्ताव किया है और उनसे भी जिन्होंने हमारे साथ बुरा बर्ताव किया है। यह एक ऐसी जगह है जिसमें सभी अनुभव होते हैं, चाहे वो निराशा हो, संघर्ष हो, और दर्द, या खुशियाँ हों, सुख और आराम हों, वो यह समझने में योगदान देते हैं कि जीवन क्या है और यह अनुभूति कि ये क्या है। फिर जाकर हम प्रकृति के धर्म के प्रति जागते हैं, जो एकमात्र धर्म है। और जितना अधिक हम इसे समझेंगे, हमारा जीवन उतना ही बड़ा होगा, और उतना ही हमारा जीवन दूसरों के लिए भी सार्थक होगा।
विचार के लिए मूल प्रश्न: जीवन का अध्ययन सबसे बड़ा धर्म है, आप इससे क्या समझते हैं? क्या आप कोई व्यक्तिगत अनुभव बाँट सकते हैं जब आप प्रकृति के धर्म के प्रति जागृत हो सके हों? आपको जीवन का छात्र बने रहने में क्या मदद करता है?
इनायत खान (https://en.wikipedia.org/wiki/Inayat_Khan) सार्वलौकिक सूफीवाद के शिक्षक थे।