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Image of the Weekयाद रखो
- जॉय हरजो (३ जुलाई, २०१९)

याद रखो उस आकाश को, जिसके नीचे तुमने जन्म लिया,
प्रत्येक तारे की कहानी को जानो।
याद रखो चाँद को, जानो कि वह कौन है।
याद रखो भोर में सूरज का जन्म, वह है
समय का सबसे मजबूत बिंदु। याद रखो सूरज का ढ़लना
और आज की रात ख़ुद को खो देना।
याद रखो अपने जन्म को, कैसे तुम्हारी माँ ने संघर्ष किया
तुम्हें रूप और सांस देने के लिए। तुम सबूत हो
उसके जीवन का, और उसकी माँ के, और उसकी भी।
याद रखो अपने पिता को । वह भी तुम्हारा जीवन है।
याद रखो उस पृथ्वी को जिसकी त्वचा तुम हो:
लाल मिट्टी, काली मिट्टी, पीली मिट्टी, सफेद मिट्टी
भूरी मिट्टी, हम मिट्टी हैं।
याद रखो पौधों, पेड़ों, प्राणी जीवन को, जिन सब की अपनी
जनजातियों हैं, उनके परिवारों, उनके इतिहास, भी। उनसे बात करो,
उनकी बात सुनो। वे जीवंत कविताएँ हैं।
याद रखो हवा को। याद रखो उसकी आवाज़ । वह जानती है
इस ब्रह्मांड की उत्पत्ति।
याद रखो तुम सभी लोग हो और सभी लोग
हो तुम ।
याद रखो कि तुम यह ब्रह्मांड हो और ये
ब्रह्मांड तुम हो ।
याद रखो कि सभी गति में है, बढ़ रहा है, वह तुम हो।
याद रखो भाषा इसी से आती है।
याद रखो भाषा नृत्य है, वह जीवन है।
याद रखो ।

विचार के लिए बीज प्रश्न: याद रखना आपके सामने क्या ले कर आता है? क्या आप उस समय की कोई व्यक्तिगत कहानी बाँट सकते हैं जब आपको याद रहा हो कि ब्रह्मांड आप हैं और आप यह ब्रह्मांड हैं? आपको यह याद रखने में क्या मदद करता है कि 'जीवन है’?

“इमेरजेंस मैगज़ीन (उभरती पत्रिका)” से लिया गया।
 

Syndicated from Emergence Magazine.


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