We Want Relief. Cure Is Painful


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१६ जुलाई, २०१८
हम राहत चाहते हैं। इलाज दर्दनाक है।
- एंथनी डी मेलो

आध्यात्मिकता का मतलब है जागना। ज्यादातर लोग, भले ही वो नहीं जानते, सोए हुए हैं। वे सोए हुए ही जन्म लेते हैं, सोए हुए जीते है, नींद में शादी करते हैं, नींद में बच्चे पैदा करते हैं, वे नींद में मर जाते हैं, बगैर कभी जागे। वे कभी इस चीज़ की मनोरमता और सुंदरता को समझते ही नहीं जिसे हम मानव अस्तित्व कहते हैं। आप सब रहसयवादियों को जानते हैं - कैथोलिक, ईसाई, गैर-ईसाई, चाहे उनका कोई भी धर्मशास्त्र हो, चाहे कोई भी धर्म हो - एक बात पर सर्वसम्मत हैं: सब कुछ ठीक है, सब कुछ ठीक है। हालांकि सब कुछ गड़बड़ है, सब कुछ ठीक है। अजीब विरोधाभास है। लेकिन, दुख की बात है, ज्यादातर लोग कभी ये देख ही नहीं पाते कि सब कुछ ठीक है क्योंकि वे सोते नहीं हैं। वे एक दुःस्वप्न देख रहे हैं।

पिछले साल स्पेनिश टेलीविजन पर मैंने इस सज्जन के बारे में एक कहानी सुनी जो अपने बेटे के दरवाजे पर दस्तक देते हैं। "जेमी," वह कहते हैं, "उठो!" जेमी जवाब देता है, "मैं उठना नहीं चाहता, पापा।"

पिता चिल्लाते हैं, "उठो, तुम्हें स्कूल जाना है।" जेमी कहता है, "मैं स्कूल जाना नहीं चाहता।" "क्यों नहीं?" पिता पूछते हैं। जेमी कहता है, "तीन कारण।" सबसे पहले, क्योंकि वो बहुत नीरस है; दूसरा, बच्चे मुझे चिढ़ाते हैं; और तीसरा, मुझे स्कूल से नफरत है। और पिता कहते हैं, "ठीक है, मैं तुम्हें तीन कारण देता हूं कि तुम्हें स्कूल क्यों जाना चाहिए। सबसे पहले, क्योंकि यह तुम्हारा कर्तव्य है; दूसरा, क्योंकि तुम पैतालीस वर्ष के हो, और तीसरा, क्योंकि तुम हेडमास्टर हो" उठो! उठो! तुम समझदार हो गए हो। तुम सोये रहने के लिए बहुत बड़े हो। उठो! अपने खिलौनों के साथ खेलना बंद करो।

ज्यादातर लोग कहते हैं कि वे किंडरगार्टन से बाहर निकलना चाहते हैं, लेकिन उन पर विश्वास न करें। उन पर विश्वास मत करो! वे केवल चाहते हैं कि आप उनके टूटे खिलौने जोड़ दें। "मुझे मेरी पत्नी वापस दो। मुझे मेरी नौकरी वापस दो। मुझे मेरा पैसा वापस दो। मुझे मेरी प्रतिष्ठा, मेरी सफलता वापस दो।" यही वो है जो वे चाहते हैं; वे चाहते हैं कि उनके खिलौने बदल दिए जाएं। बस। यहां तक कि सबसे अच्छा मनोवैज्ञानिक आपको यह बताएगा कि लोग वास्तव में ठीक नहीं होना चाहते। वे जो चाहते हैं वो है राहत; इलाज दर्दनाक है।


प्रतिबिंब के लिए बीज प्रश्न: आप इस धारणा से क्या समझते हैं कि हमें इलाज दर्दनाक लगता है और हम उसकी बजाए अस्थायी राहत को पसंद करते हैं? क्या आप अपना कोई अनुभव बाँट सकते हैं जहाँ आपने आरामदेह अस्थायी राहत की बजाए अरुचिकर इलाज को चुना हो? इस भेद के बारे में सजग रहने के लिए आपको किस चीज़ से मदद मिलती है?

फादर एंथनी डी मेलो कई किताबों के लेखक थे।
 

Father Anthony de Mello was author of many books. Excerpt above was taken from here.


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