The Sun Is The Perfect Example

Author
Vinoba Bhave
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Image of the Weekसूर्य उत्तम उदहारण है
- विनोबा भावे

सूर्य निष्काम कर्म का उत्तम उदहारण है। जब सूर्य उदय होता है, तब क्या ये विचार उसके मन में आते हैं के, 'अब मै अंधकार का नाश कर दूंगा, पक्षियों को उड़ने के लिए प्रेरित करूँगा, और सभी लोगों को काम पे लगा दूंगा'? नहीं, सूर्य हमेशा स्थिर रहता है और उसकी स्थिरता ही दुनिया को चलाती है।

अगर हम ये कह कर सूर्य का धन्यवाद करें के, ' हे सूर्य, तुम्हारी सहायता अनंत है, तुमने अंधकार का नाश कर दिया है' तो ये व्यर्थ होगा। सूर्य कहेगा 'क्या बात कर रहे हो? कहाँ है अंधकार? थोड़ा मुझे भी तो दिखाओ, ताके मुझे भी पता चले के मैंने किसका नाश किया है। तब मै स्वीकार करूँगा के मै ही करता हूँ, प्रकाश बनाता हूँ।'

सूर्य पूर्णतः तटस्थ: और अनासक्त है। वह न तो नियंत्रण करता है नहीं आदेश देता है। वह बस है। सूर्य के प्रकाश में, एक व्यक्ति सार्थक पुस्तक पढ़ सकता है और दूसरा साधारण पुस्तक। एक, पडोसी की सहायत कर सकता है और दूसरा हत्या। सूर्य इन कर्मों के पाप - पुण्य के लिए जिम्मेदार नहीं है: इसलिए सूर्य कोई प्रारब्ध नहीं बांधता। सूर्य कहेगा, 'प्रकाश मेरा स्वभाव है। मेरे होने का मतलब है चमकना।'

रात्रि में भी, सूर्य पृथ्वी की दूसरी ओर चमकता है। सूर्य हमेशा चमकता रहता है, पर कोई ध्यान नहीं देता के वह अपना काम किये जा रहा है। सूर्य सब को काम पर लगता है। वह गायों को चराता है, पक्षियों से गीत गवाता है, व्यापारियों से दूकान खुलवाता है, किसानो से खेत जुतवाता है, और अगर फिर भी कोई नहीं उठता और पर्दा खींच लेता है, सूर्य उनसे जबरदस्ती नहीं करता। उसका होना ही काफी है।

सूर्य - करने के बजाय मात्र होने का उत्तम उदहारण है। सूर्य के पास प्रकाश नहीं है, वह स्वयं प्रकाश है। सूर्य मंगल नहीं करता वह स्वयं मंगल है।

मनन के लिए कुछ बीज प्रश्न:
सूर्य - करने के बजाय मात्र होने का उत्तम उदहारण है - इस विचार से आप कैसे जुड़ते हैं?
क्या आप एक निजी अनुभव बाँट सकते हैं जब आप कुछ करने की बाजए सिर्फ थे ?
किसी भी स्तिथि में तटस्थ: रहना और प्रेम से प्रेरित होना, इन दोनों भावों में आप कैसे सामंजस्य स्थापित करते हैं ?

विनोबा भावे भारत में गाँधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी थे। उनके बारे और निचे दी गयी कड़ी से जाना जा सकता है - http://www.markshep.com/peace/GT_Vinoba.html
 

Vinoba Bhave was Gandhi's spiritual successor in India. More about him in King of Kindness.


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