Perception Is A Mirror


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धारणा एक दर्पण है
- फ्रांसिस वॉन और रोजर वॉल्श द्वारा संपादित (१२ जुलाई, २०१८)

आप जो महसूस करते हैं उसका जवाब वैसे ही देते हैं, और जैसा आप महसूस करते हैं आप वैसा ही व्यवहार करेंगे।

आप जो भी महसूस करते हैं
उस पर जो प्रतिक्रिया देते हैं
आप पर निर्भर है,
क्योंकि आपका मन निर्धारित करता है
आपके इसके होने वाले अनुभव को ।

आप व्याख्या के बिना उसके लिए अवगत नहीं हो सकते,
क्योंकि जो आप समझते हैं वह आपकी अपनी व्याख्या है।

समझें कि आप किसी भी बात का जवाब
सीधे से नहीं,
बल्कि उसपर की अपनी व्याख्या का देते हैं।
इस प्रकार आपकी व्याख्या
प्रतिक्रिया का औचित्य (justification) बन जाती है।

धारणा चुनती है, और वो दुनिया बनाती है जिसे आप देखते हैं।
यह वस्तुतः ऐसे चुनती है जैसे दिमाग निर्देश देता है।
माप और आकार और चमक के नियम
लागू होते, शायद,
अगर अन्य चीजें बराबर होतीं।
वे बराबर नहीं हैं।
क्योंकि आप जो खोज रहे हैं
आपका उसे देखने की संभावना
जो आप अनदेखा करना पसंद करेंगे उससे कहीं ज़्यादा है।

दुनिया आप की किसी छवि को नहीं सिखा सकती
जब तक आप उन्हें सीखना न चाहें।

हकीकत को सही होने के लिए आपसे सहयोग की आवश्यकता नहीं है।
लेकिन इसके बारे में आपकी जागरूकता को आपकी मदद की ज़रूरत है।

धारणा एक विकल्प है
कि आप खुद को क्या बनाना चाहते हैं;
जिस दुनिया में आप रहना चाहते हैं,
और वह अवस्था जिसमें आप सोचते हैं कि आपका मन
तृप्त और संतुष्ट होगा।
यह वो चुनता है जहाँ आप सोचते हैं कि आपकी सुरक्षा है, आपके निर्णय में।
यह आपके लिए आपको इस प्रकार प्रकट करता है जैसा आप खुद को चाहते हैं।
और हमेशा यह आपके उद्देश्य के लिए वफादार है।

चलो हम इस बात पर खुश हों कि आप वो देखेंगे जिसपर आप विश्वास रखते हैं,
और यह आपको वो बदलने के लिए दिया गया है
जो आप मानते हैं।

यदि आप वास्तव में अनुभव करते हैं
तो आप गलत धारणाओं को रद्द कर रहे हैं
अपने आप में और दूसरों में एक साथ।
क्योंकि आप उन्हें देखते हैं जैसे वे हैं,
आप उन्हें उनकी सच्चाई की स्वीकृति देते हैं
ताकि वे इसे खुद स्वीकार कर सकें।

आइये हम आराम से न बैठें
जब तक दुनिया हमारी बदली धारणा में शामिल नहीं हो जाती।
हम जब तक संतुष्ट न हों जब तक क्षमा पूरी नहीं हो जाती।

जैसे मैं अपने भाइयों के साथ दुनिया की शांति को साझा करता हूं,
मैं समझना शुरू कर देता हूँ
कि यह शांति मेरे भीतर की गहराई से ही आती है।

प्रतिबिंब के लिए बीज प्रश्न: आप इस धारणा से क्या समझते हैं कि हमारे जो विचार हैं उन्हें बदलने की हमें स्वतंत्रता है, और हमारी धारणाएं, हम जो देखते हैं उसे आकार देंगी ? क्या आप उस समय का कोई व्यक्तिगत अनुभव बाँट सकते हैं जब आप अपनी धारणा से अवगत थे और अपनी धारणा को बदलने के लिए जानबूझ कर आपने अपने विचार को बदल दिया? जो विचार आपकी वर्तमान मान्यताओं को साकार कर रहे हैं, उनसे अवगत होने में आपको क्या मदद करता है?

"चमत्कारों में उपहार एक कोर्स से" से उद्धृत। फ्रांसिस वॉन और रोजर वॉल्श द्वारा संपादित।
 

Excerpted from "Gifts from a Course in Miracles". Edited by Frances Vaughan and Roger Walsh.


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