ब्रह्मांड का आश्चर्य हमारे अंदर अचंभित हो रहा है
- पॉल फ्लाइशमैन द्वारा लिखित ( २६ अप्रैल, २०१७)
ब्रह्मांड बहुत बड़ा और बहुत पुराना है। इसको बीसवीं शताब्दी में ही हमारे द्वारा खोजा गया था। जब आप रात के सितारों की ओर देखते हैं तो आप इसे नहीं देख रहे हैं। एक हमारी आकाशगंगा में ही अरबों तारे हैं, लेकिन हम अपनी खुली आँखों से कुछ हज़ारों को ही देख सकते हैं। हमारी आकाशगंगा जैसी अरबों आकाशगंगाएं हैं जो हमारे टेलिस्कोपों के माध्यम से देखी जा सकती हैं, और जिस प्रकाश के द्वारा हम दूर की आकाशगंगाओं को देखते हैं वह टेलिस्कोप के लेंस में प्रवेश करने के लिए अरबों वर्षों तक यात्रा कर चुकी है। यहां तक कि अन्य ब्रह्माण्ड भी हो सकते हैं। हमारे ब्रह्माण्ड को हबल स्पेस टेलीस्कॉप के माध्यम से देखा जा सकता है और यह चौदह अरब वर्ष पहले हुई अपनी उत्पत्ति के समय से बढ़ रहा है।
हम जानवर हैं जिनका जन्म शिकार, वंश-वृद्धि, और अनुकूलन करने के लिए हुआ है। हमारे दिमागों में हमें जीवित रहने में मदद करने के लिए वृद्धि हुई, और उन्होंने हमारी समझ की सीमा को निर्धारित कर दिया। हम उन आयामों को नहीं समझ सकते जो आकड़े हमें ब्रह्मांड की उम्र या आकार के बारे में बताते हैं। इतने सारे प्रकाश वर्ष और आकाशगंगाओं की जटिलता को समझना मुश्किल है। हमारी आशंकाओं को कम करने के लिए, हम कल्पना करते हैं कि हम नमूने (patterns) और अभिभावक (parents), व्याख्यान और निष्कर्ष देखते हैं, अक्सर सटीक जानकारी के बजाय आश्वासन और सुरक्षा की मांग करते हैं। फिर भी हम उत्सुक, अनिर्णीत, आश्चर्य में मँडराते हुए, और अधिक जानने के लिए अनजान हो सकते हैं।
हमारे शरीर में जटिल और कार्यात्मक नमूनों में व्यवस्थित अनगिनत (octillions) परमाणु हैं। हमारे सभी परमाणु पृथ्वी से आए हैं, जो कि खुद पिछले सूर्यों और सुपरनोवा विस्फोटों से जन्मी है। हमारी लाल रक्त कोशिकाओं में, कोबाल्ट होता हैं, एक ऐसा तत्त्व जो केवल सुपरनोवा में ही बनता है। हमारे शरीरों का गठन अनगिनत (trillions) कोशिकाओं द्वारा होता है जो पारस्परिक क्रिया (interactions) और सहयोग करते हैं। परमाणुओं और कोशिकाओं की संख्या बहुत बड़ी है, और उनकी पारस्परिक क्रिया (interactions) हमारे समझने के लिए बहुत जटिल, तेज़ और जानकारी से भरी हुई है। हमारी कोशिकाएं उन रासायनिक मार्गों का उपयोग करती हैं जो अरबों वर्षों में धीमी, सफलता की इंटरलॉकिंग कहानियों से विकसित हुई हैं। हमारे जटिल दिमागों और विचारों को जीवन-रूपों में बदल पाने में धरती के इतिहास का समय लग गया।
हम एक संपूर्ण ग्रह प्रणाली के भीतर मौजूद हैं। हरे पौधे ही एकमात्र वो जीवित चीज़ हैं जो सूरज से विद्युत चुम्बकीय फोटॉनों को आकर्षित कर सकते हैं और अदृश्य ऊर्जा को अणुओं के बीच के अस्थिर जुड़ाव ( bonds) में बदल सकते हैं, जिससे उन बड़े परमाणुओं का निर्माण होता है जिन्हें हम "अन्न" कहते हैं। पौधे उन ऑक्सीजन के अणुओं का भी निर्माण करते हैं जिन्हें जिससे हम सांस से अंदर लेते हैं। हम कार्बन डाइऑक्साइड बाहर छोड़ते हैं जिसे पौधे खाते हैं। सारे जीवन परस्पर निर्भर हैं और सूरज की रोशनी से शुरू होते हैं, जो सूरज में जुड़ रहे हाइड्रोजन के परमाणुओं से आती है। ये सौर हाइड्रोजन के परमाणु ब्रह्मांड की उत्पत्ति के समय पर छोड़ी गयी ऊर्जा से बने हैं, जो कि हम सब के जन्म की राह है।
इस ब्रह्मांड ने हम जैसे जीवित प्राणियों की उत्पत्ति की अनुमति दी है जो कि जटिल, स्थायी, और बुद्धिमान हैं। हमारे अचंभित मन इस ब्रह्मांड के उत्पाद हैं। ब्रह्मांड के भीतर से, ब्रह्मांड के बारे में दुर्घटना, इरादे या धीमी नियति से इस अचम्भे का जन्म हुआ है। इस ब्रह्मांड का आश्चर्य हमारे अंदर अचंभित हो रहा है।
विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: हमारे अचंभित मन इस ब्रह्माण्ड के उत्पाद हैं, आप इस बात से क्या समझते हैं? क्या आप कोई व्यक्तिगत अनुभव बाँट सकते हैं जब आपने यह अहसास किया हो कि ब्रह्माण्ड का आश्चर्य हमारे अंदर अचंभित हो रहा है? अचम्भे से जुड़ने और उसके बारे में पूछ-ताछ करने में आपको किस साधना से मदद मिलती है?
पॉल आर फ्लाइशमैन एक सेवानिवृत्त अमेरिकन मनोचिकित्सक, लेखक और एस एन गोयनका की परंपरा में ध्यान शिक्षक हैं। यह उनकी किताब, अचम्भा: कब और क्यों दुनिया प्रदीप्त लगती है (Wonder: When and Why the World Appears Radiant) से उद्धृत।