No Better Place to Meet Yourself

Author
Moussa Ag Assarid
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Image of the Weekअपने आप से मिलने की इससे बेहतर जगह नहीं

- मूसा अग अस्सारिद

मूसा अग अस्सारिद ( म ) : मै अपनी उम्र नहीं जानता। मेरा जन्म सहारा के रेगिस्तान में हुआ था, जहाँ जन्म का प्रमाणपत्र नहीं मिलता। मेरा जन्म तोउआरेग्स (Touaregs) के खानाबदोश समुह में, तिम्बुकतु और गाओ के बीच, माली से उत्तर की ओर हुआ था। [...]

पत्रकार ( प ) : तोउआरेग्स (Touaregs) आजीविका के लिए क्या करते हैं ?
म : हम ऊँट, बकरियाँ, भेड़, गाय और गधे चराते हैं, अनन्त और मौन के साम्राज्य में....

प : क्या रेगिस्तान वास्तव में इतना शांत है ?
म : अगर उस शान्ति में आप अकेले हैं तो आप अपने दिल की धड़कन सुन सकते हैं। अपने आप से मिलने की इससे बेहतर जगह नहीं।

प : क्या आपको रेगिस्तान में बीता आपका बचपन याद है ?
म : मै सुरज के साथ उठता हुँ। मेरे पिता की बकरियाँ हैं। बकरियाँ हमें दुध और मांस देती हैं और हम उन्हें पानी और घास वाले इलाकों में ले जाते थे। मेरे पर-दादा ये काम करते थे, मेरे दादा, मेरे पिता और मै भी। इसके अलावा दुनिया में और कुछ नहीं था, और में बहुत खुश था !

प : सच में ? सुन्ने में तो बहुत रोमांचक नहीं लगता।
म : रोमांचक है। सात साल की उम्र में आप समुह से दूर जा सकते हो, और इसके लिए आपको जरुरी चज़ें बतायी जाती हैं - हवा को सूँघना, सुन्ना, ध्यान से देखना, सूरज और तारों के उन्मुख होना...और खो जाने पर ऊँट से मदद लेना। ऊँट तुम्हें पानी के पास ले जाएगा।

प : बेशक ये जानकारी महत्वपूर्ण है।
म : वहाँ हर चीज़ सरल और गहन हैं। बहुत कम चीज़ें हैं पर हर चीज़ का बड़ा मूल्य है।

प : तो उस दुनिया और इस दुनिया में काफी फर्क है।
म : वहाँ, हर छोटी चीज़ खुशी देती है। हर स्पर्श कीमती है। हमें एक दूसरे को छूने मात्र से, सिर्फ साथ रहने से बड़ी खुशी का अनुभव होता है। वहाँ, कोई कुछ बन्ने का स्वप्न नहीं देखता, क्युंके वहाँ, हर कोई पहले से ही है।

प : यूरोप की आपकी पहली यात्रा में आप किस बात से सब से ज़्यादा हैरान हुए ?
म : एयरपोर्ट में मैंने लोगों को दौड़ते हुए देखा। रेगिस्तान में आप तभी दौड़ते हैं जब तूफान आ रहा हो। ज़ाहिर है के मैं डर गया था।

प : वो लोग अपना सामान लेने जा रहे थे, हा हा।
म : जी हाँ, ऐसा ही था। [...]

प : आपको यहाँ कौनसी चीज़ सबसे ज़्यादा नापसंद है ?
म : यहाँ कुछ लोगों के पास सब कुछ है, और उन्हें फिर भी संतोष नहीं। वे शिकायत करते हैं। इस [ आधुनिक दुनिया ] में कई लोग हमेशा ही शिकायत करते रहते हैं ! वे अपने आपको बैंक से बाँध लेते हैं; बहुत लोग चीज़ें पाने के लिए चिंतित रहते हैं। लोग बहुत जल्दी में रहते हैं। रेगिस्तान में ट्रैफिक - जाम नहीं होते, पता है क्यों ? क्युंके वहाँ किसी को एक दूसरे से आगे निकलने में कोई रूचि नहीं है !

प : रेगिस्तान में गहरे - आनंद के एक क्षण के बारे में मुझे बताइये।
म : ये वहाँ हररोज़ होता है, सूर्यास्त से दो घंटा पहले। गर्मी कम हो जाती है, अभी ठंडी हवा बहना शुरू नहीं हुई है, आदमी और जानवर धीरे - धीरे छावनी में वापस आते हैं और उनकी परछाई गुलाबी, नीले, लाल, पीले और हरे आकाश की पृष्ठभूमि (background) में दिखाई देती है।

प : ये तो बहुत ही मोहक है।
म : वो एक जादुई क्षण है... हम सभी तंबू में आ जाते हैं और चाय बनाते हैं। मौन बैठे हुए हम उबलते हुए पानी की आवाज़ सुनते हैं... हम सब शान्ति में डूब जाते हैं : धड़कनें उबलते हुए पानी की लय के साथ ताल मिलाते हुए, पट पट पट...

प : कितना शांतिपूर्ण।
म : हाँ...यहाँ आपके पास घड़ियाँ हैं; वहाँ, हमारे पास समय है।

आत्म-मंथन के लिए कुछ प्रश्न :

क्या आपको प्रकृति के बीच में गहरे - आनन्द के क्षण प्राप्त हुए हैं ?
क्या ऐसा कोई अभ्यास है जो आपको शान्ति में डूबने और ऐसी जगह पहुँचने में आपकी मदद करे जहाँ आप अपने आप से मिल सकें ?

लेखक का संक्षेप में परिचय :

मूसा अग अस्सारिद एक खानाबदोश तोउआरेग्स (Touareg) परिवार के तेरह (13) बच्चों में सबसे बड़े हैं। उनका जन्म उत्तरी - माली में 1975 में हुआ था, वे 1999 में फ्रांस आए, जहाँ उन्होंने मोन्टपेलिएर विश्वविद्यालय (University of Montpellier) में प्रबंधन ( management ) का अभ्यास किया। उप्रुक्त ( above mentioned ) वार्तालाप विक्टर अमेला द्वारा लिए गए उनके साक्षात्कार (interview ) का अंश है।










 

Moussa Ag Assarid is the oldest of thirteen children in a nomadic Touareg family. Born in northern Mali in 1975, he moved to France in 1999 to study Management at the University of Montpellier. The above is excerpted from an interview with Víctor Amela.


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