Spontaneous Resonance

Author
James O'dea
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सहज प्रतिध्वनि
-- जेम्स ओ’डीआ (१२अगस्त, २०१५)

एक दोस्त ने हाल ही में एक काले युवक की एक पुलिस अधिकारी द्वारा पिटाई होते हुए देखने पर अपनी सहज प्रतिक्रिया का वर्णन किया। युवक पर पड़ती चोट की तड़कदार आवाज़ ने तुरंत उसमें एक शक्तिशाली “नहीं” की चिंगारी लगा दी, और जैसे ही वो उस पुलिस अधिकारी की ओर लपकी, उसकी लाठी हवा में ही रह गयी। जैसे ही उसने अपने आप को उस पुलिस अधिकारी और युवक के बीच स्थित किया, वह एक नैतिक बवंडर की तरह उस कहानी में प्रवेश कर गयी।

इस तरह की सहज प्रतिक्रिया एक ज़ोरदार शक्ति को बंधन मुक्त कर सकती है जो आमतौर पर छिपी हुई या अप्रयुक्त रहती है - जैसे कि अचानक एक अभिभावक या बच्चे को बचाने के लिए एक गाड़ी को उठा लेने की क्षमता। नवंबर 2010 के “साइकोलॉजी टुडे” के एक लेख में ऎसी घटना को “छुपी हुई महाशक्ति” को आयोजित करना बतलाया गया है। हम जब दूसरों के साथ अपनी संबद्धता की अथाह गहराई और जो सबसे कमजोर हैं, उनके साथ गहरे संवेदनशील सम्बन्ध को अनुभव कर पाते हैं, तो हमें असल में ऐसी महाशक्तियां उपलब्ध हो जाती हैं।

जब हम अनायास इस ब्रह्माण्ड के गहरे नैतिक सिद्धांतों को समझ जाते हैं, तो हम अंतर्दृष्टि और कुशलता के कोषों को आकर्षित करते हैं। असाधारण साहस, विवेक और नि:स्वार्थ बलिदान के शूरतापूर्ण कार्य अक्सर उल्लेखनीय स्तर की सहजता का प्रदर्शन करते हैं। और यहां तक कि वाग्देवी में खुद भी यह गुण है: "कविता शक्तिशाली भावनाओं का सहज अतिप्रवाह है" (विलियम वर्ड्सवर्थ)

लाओ सू के अनुसार सहजता अपने आप में वास्तविकता का सार ही है और हमें हमेशा उसके रास्ते से हट जाना चाहिए और "वास्तविकता को वास्तविकता ही रहने देना चाहिए”।" दीपक चोपड़ा ने कहा है, “आखिरकार, आध्यात्मिक वास्तविकता तभी उभरती है जब आप सहज होते हैं।” असल में यही वो महान रास्ता है, ताओ का प्रवाह अपने ऊर्जावान पहलू में खुद इस ब्रह्मांड के उपपरमाण्विक प्रवाह के रूप में दर्पित होता हुआ। जैसा कि हमारे महान ज्ञानवर्धक गुरुओं ने बताया है कि यह जो कुछ हमारे दिमागों में चलता रहता है, वही सहजता के प्रवाह में बढ़ा डालता है।

जीवन की सहजता को बढ़ावा देना और इसके साथ एक हो जाना, सहज प्रतिक्रियाओं और सहज प्रतिध्वनि के बीच के सूक्ष्म अंतर को दर्शाता है। प्रतिध्वनि का एकत्व से सम्बन्ध है। जैसे कि तार के वाध्यों के उदहारण में - जब एक वाद्य के किसी तार को छेड़ा जाता है तो पास के दूसरे वाद्य का भी वही तार कम्पन करने लगता है। हाँ, केवल वही तार कम्पन करता है - जैसे कि वह अपनी आवृत्ति को पहचानता है। आध्यात्मिकता का अर्थ है जीवन के संगीत की तरंगों के सम्पूर्ण विस्तार के साथ एक हो जाना और उसे सृष्टि के जीवन प्रदान करने वाले संगीत के रूप में देख पाना।

विज्ञान में यह माना जाता है कि स्वाभाविकता तभी होती है जब उस घटना को उत्प्रेरित करने के लिए कोई बाहरी बल नहीं होता। उदाहरण के लिए, खाद बनना सहज प्रक्रिया का एक उदाहरण है। सही परिस्थितियों के अंतर्गत प्रकृति वही करेगी जिसकी जरूरत है।

बिना कोई ज़ोर लगाए अनायास उत्पन्न होने वाली प्रतिध्वनि की यह धारणा मेहर बाबा के लिए प्यार की प्रकृति को समझने और यह कैसे फैलती है, यह जानने की कुंजी है: "प्यार तो अनायास अंदर से ही फूटता है; उसे किसी भी तरह बाहर से बलपूर्वक नहीं जगाया जा सकता। प्यार और ज़बरदस्ती कभी एक साथ नहीं रह सकते।” केवल प्यार ही प्यार जगा सकता है। इस बात से हम यह देख सकते हैं कि कैसे स्वतंत्र रूप से पैदा हुआ एक आत्म जागृत प्यार अंततः मानवता की सामूहिक आत्मा को प्रज्वलित कर सकता है।

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: आप सहज प्रतिक्रिया और सहज प्रतिध्वनि के बीच अंतर से क्या समझते हैं? क्या आप अपना कोई निजी अनुभव बांटना चाहेंगे जहाँ आपने सहज प्रतिध्वनि को महसूस किया हो? हम अपने दिमागों में चल रहे उन विचारों को कैसे रोक सकते हैं जो सहजता के प्रवाह में बाधा डालते हैं?

जेम्स ओ’डीआ “जागरुक सक्रियतावादी - जहां सक्रियता रहस्यवाद से ​मिलती है’, के लेखक हैं।
 

James O’Dea is author of The Conscious Activist—where activism meets mysticism. Read more about his explorations with reconciliation, forgiveness and restorative justice.


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