The Golden Eternity

Author
Jack Kerouac
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Image of the Weekसुनहरी शाश्वतता
- जैक कैरूऐक (२० अगस्त, २०१४)

उस सर्दी की चांदनी रात को नॉर्थ कैरोलाइना में एक देवदार के पेड़ के नीचे जो सन्देश मुझे दिया गया था उसके बारे में मेरे पास अब बांटने के लिए बहुत सी बातें हैं, अगर हम कभी मिल जाते है। सन्देश यह था कि कभी कुछ नहीं होता, इसलिए चिंता मत करो। यह सब एक सपने की तरह है। हमारे अंदर परमानन्द है। हमें अपने सोचते दिमागों की वजह से बस इसके बारे में पता ही नहीं है। लेकिन मन के सुखद सार में यह ज्ञान है कि सब कुछ हमेशा, हमेशा, हमेशा के लिए ठीक है। अपनी आँखें बंद करो, अपने हाथों और तंत्रिकाओं के छोर को ढीला छोड़ दो, ३ सेकण्ड के लिए सांस मत लो, इस जगत के भ्रम के अंदर उस चुप्पी को सुनो, और आपको वह सबक याद आ जाएगा जिसे आप भूल गए थे, जो आपको असंख्य जगतों में बहुत समय पहले विशाल आकाश गंगा के मुलायम बादलों में सिखाया गया था, या शायद बिलकुल नहीं। यह सारी एक विशाल जागृत चीज़ है। यह सम्पूर्ण है।

तुम जो दुनिया देखते हो, वह सिर्फ तुम्हारे दिमाग में चलने वाली एक फिल्म है।
चट्टानें उसे नहीं देखतीं।
ईश्वर का नाम लो और बैठ जाओ।
माफ़ कर दो और भूल जाओ।
पूरे दिन सबके साथ करुणा से व्यवहार करो
और तम्हें पता चलेगा कि तुम अभी से स्वर्ग में पहुँच गए हो।
यही वो कहानी है।
यही वो पैगाम है।
कोई उसे समझता नहीं,
कोई सुनता नहीं, वो सब
सर कटे मुर्गे की तरह गोल-गोल दौड़ रहे हैं।
मैं सिखाने की कोशिश करूँगा लेकिन वह बिलकुल बेकार होगा, इसलिए आखिर मैं अपने झोपड़े में चूल्हे के सामने खाना पकाता, प्रार्थना करता और शांत भाव में मिलूँगा।

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न: सुनहरी शाश्वतता से आप क्या समझते हैं? क्या आप किसी समय का अपना कोई व्यक्तिगत अनुभव बांटना चाहेंगे जब आपको महसूस हुआ हो कि सब कुछ हमेशा, हमेशा के लिए ठीक है। आप अपने विचारशील दिमाग को ऐसी अवस्था के रास्ते में आने से कैसे रोक सकते है?

जैक कैरूऐक १९५० के दशक में रूढ़िवादी विचारों का विरोध करने वाले एक साहित्यकार थे और ऊपर लिखा अवतरण उन्होंने एक पत्र के रूप में, शादी रद्द होने के दस साल बाद, अपनी पहली पत्नी को भेजा था। उनकी कहानियों, कविताओं, पत्रों, और निबंधों के एक छोटे संग्रह -"द पोर्टेबल जैक कैरूऐक” - के कुछ अंश।
 

Jack Kerouac was a literary iconoclast in the mid-1950s, and sent the text above in a letter to his first wife, a decade after their marriage had been annulled. Excerpted from The Portable Jack Kerouac -- a short collection of his stories, poems, letters, and essays.


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