Maybe, Said the Farmer

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Author Unknown
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Image of the Week"शायद", किसान ने कहा
१२ मई २०१४

एक ज़माने की बात है| एक बुढा किसान था जिसने काफी सालो तक अपनी फसल पे काम किया था| एक दिन उसका घोडा भाग गया| यह सुनकर उसके पडोशी उससे मिलने आये और सहानुभूति से कहा "कितनी बुरी किस्मत"

किसान ने उत्तर दिया "हा, शायद"

अगले दिन सुबह उसका घोडा वापस आ गया और अपने साथ अन्य तीन जंगली घोड़ो को भी साथ ले आया| "कितना अद्भुत" पडोशी ने जोर से कहा |

"शायद" , बूढ़े किसान ने उत्तर दिया|

अगले दिन किसान के बेटे ने एक अदम्य घोड़े पर सवारी करने की कोशिश की, वह पटका और उसका पैर टूट गया| पडोशी फिर एक बार इस दुर्भाग्य पर सहानुभूति देने आये |

"शायद" , किसान ने उत्तर दिया|

दूसरे दिन, लश्करी दल उसके बेटे को अपने साथ सेना में भर्ती करने के लिए उसके गांव आये|

बेटे का टुटा हुआ पैर देख कर वह वहां से चले गए| चीज़े अच्छी तरह से निपट जाने पर पडोशी ने किसान को बधाई दी|

"हा, शायद" किसान ने उत्तर दिया

- ज़ेन परबले

विचार के लिए कुछ मूल प्रश्न:
आप संतुलन और समभाव का अभ्यास किस तरह करते है? क्या आप एक अंगत अनुभव बता सकते है जब आपने अपने संतुलन को खोने की लालच के बावजूद अपना संतुलन बनाये रखा हो? हम अपने आपको एक ही समय पे उदासीनता और भावुकता से कैसे बचा सकते है?


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