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Beauty Harmonizes Law and Liberty
Rabindranath Tagore
401 words, 33K views, 8 comments
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On
Dec 17, 2013
Hindi Translator
wrote :
Translation in Hindi..
सौंदरà¥à¤¯ नियम अौर अाज़ादी को मिलाती है
à¤à¤• सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° कविता, परखें तो, अलग शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का à¤à¥à¤‚ड है|
कविता का रस, वो अनà¥à¤¦à¤°à¥€ माधà¥à¤¯à¤® जो बाहरी शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को जोड़ता है, जिसे दिखे, उसे मिले पूरà¥à¤£ नियम जिसका कà¤à¥€ उलà¥à¤²à¤‚घन नहीं होता|
वो नियम जिसà¥à¤¸à¥‡ सोच का विकास होता है; संगीत अौर आकार का नियम|
पर नियम अपने पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की à¤à¤• सीमा होती है|
वो सिरà¥à¤« इतना दिखाती है कि जो है वो कà¥à¤› अौर नहीं हो सकता|
जब इंसान कारण के खोज में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ हो जाता है, उसà¥à¤•à¤¾ मन तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के जकड़ से छूटकर नियम के जकड़ में अा गिरता है|
à¤à¤¾à¤¶à¤¾ सीखते हà¥à¤ जब वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ समठआये तो वो à¤à¤• उपलबà¥à¤§à¥€ है|
पर उस मकाम पर अटक जायेें अौर वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के चमतà¥à¤•à¤¾à¤° में ही बंध जायें, उसà¥à¤•à¥‡ हर नियम के कारण को खोजते रहें, तो हम अंत तक पहà¥à¤‚च नहीं पायेंगे -- कà¥à¤¯à¥‹à¤‚की वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ साहितà¥à¤¯ नहीं है, छंद शासà¥à¤¤à¥à¤° कविता नहीं है|
साहितà¥à¤¯ तक पहà¥à¤‚चें तो देखें कि वो वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ को मानते हà¥à¤ à¤à¥€ अाननà¥à¤¦ का ज़रिया है, आज़ादी है|
कविता की सà¥à¤¦à¤‚रता नियमों से सखà¥à¤¤ सीमित है, पर वो नियमों के परे à¤à¥€ है|
उसका आकार नियम में है, पर उसकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ सौंदरà¥à¤¯ में है|
नियम अाज़ादी का पहला कदम है, अौर सौंदरà¥à¤¯ है पूरà¥à¤£ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ जो नियम के आधार पर खड़ा है|
सौंदरà¥à¤¯ अपने में मिलाती है सीमा अौर असीम, नियम अौर आज़ादी|
विशà¥à¤µ कविता में, उसके लय के नियम का खोज, उसकी बड़ायी अौर छोटायी का माप, उसका चलना अौर रà¥à¤•à¤¨à¤¾, उसके अाकार अौर चरितà¥à¤° के विकास का पीछा करना, ये सब मन के सचà¥à¤šà¥‡ उपलबà¥à¤§à¥€ हैं; पर हम यहां रà¥à¤• नहीं सकते|
ये à¤à¤• रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है, हमारा घर नहीं|
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On Dec 17, 2013 Hindi Translator wrote :
सौंदरà¥à¤¯ नियम अौर अाज़ादी को मिलाती है à¤à¤• सà¥à¤¨à¥à¤¦à¤° कविता, परखें तो, अलग शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ का à¤à¥à¤‚ड है|
कविता का रस, वो अनà¥à¤¦à¤°à¥€ माधà¥à¤¯à¤® जो बाहरी शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ को जोड़ता है, जिसे दिखे, उसे मिले पूरà¥à¤£ नियम जिसका कà¤à¥€ उलà¥à¤²à¤‚घन नहीं होता|
वो नियम जिसà¥à¤¸à¥‡ सोच का विकास होता है; संगीत अौर आकार का नियम| पर नियम अपने पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की à¤à¤• सीमा होती है|
वो सिरà¥à¤« इतना दिखाती है कि जो है वो कà¥à¤› अौर नहीं हो सकता|
जब इंसान कारण के खोज में वà¥à¤¯à¤¸à¥à¤¤ हो जाता है, उसà¥à¤•à¤¾ मन तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के जकड़ से छूटकर नियम के जकड़ में अा गिरता है|
à¤à¤¾à¤¶à¤¾ सीखते हà¥à¤ जब वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ समठआये तो वो à¤à¤• उपलबà¥à¤§à¥€ है|
पर उस मकाम पर अटक जायेें अौर वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ के चमतà¥à¤•à¤¾à¤° में ही बंध जायें, उसà¥à¤•à¥‡ हर नियम के कारण को खोजते रहें, तो हम अंत तक पहà¥à¤‚च नहीं पायेंगे -- कà¥à¤¯à¥‹à¤‚की वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ साहितà¥à¤¯ नहीं है, छंद शासà¥à¤¤à¥à¤° कविता नहीं है| साहितà¥à¤¯ तक पहà¥à¤‚चें तो देखें कि वो वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¤°à¤£ को मानते हà¥à¤ à¤à¥€ अाननà¥à¤¦ का ज़रिया है, आज़ादी है|
कविता की सà¥à¤¦à¤‚रता नियमों से सखà¥à¤¤ सीमित है, पर वो नियमों के परे à¤à¥€ है|
उसका आकार नियम में है, पर उसकी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ सौंदरà¥à¤¯ में है|
नियम अाज़ादी का पहला कदम है, अौर सौंदरà¥à¤¯ है पूरà¥à¤£ मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ जो नियम के आधार पर खड़ा है|
सौंदरà¥à¤¯ अपने में मिलाती है सीमा अौर असीम, नियम अौर आज़ादी| विशà¥à¤µ कविता में, उसके लय के नियम का खोज, उसकी बड़ायी अौर छोटायी का माप, उसका चलना अौर रà¥à¤•à¤¨à¤¾, उसके अाकार अौर चरितà¥à¤° के विकास का पीछा करना, ये सब मन के सचà¥à¤šà¥‡ उपलबà¥à¤§à¥€ हैं; पर हम यहां रà¥à¤• नहीं सकते|
ये à¤à¤• रेलवे सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ है, हमारा घर नहीं|